Home राजनीति फिर से डिप्टी सीएम बनेंगे Manish Sisodia, कैसे होंगे अरविंद केजरीवाल के साइन?

फिर से डिप्टी सीएम बनेंगे Manish Sisodia, कैसे होंगे अरविंद केजरीवाल के साइन?

by Arsla Khan
0 comment
फिर से डिप्टी सीएम बनेंगे Manish Sisodia, कैसे होंगे अरविंद केजरीवाल के साइन?

Manish Sisodia News: फरवरी 2023 से जेल में बंद मनीष सिसोदिया आखिरकार 09 अगस्त 2024 को जेल से रिहा हो चुके हैं. दिल्ली के कथीत शराब नीति घोटाला मामले में CBI ने उन्हें गिरफ्तार किया था.

11 August, 2024

17 महीनों के बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी और आम आदमी पार्टी (AAP) नेता मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल से बाहर आ गए. इस दौरान तिहाड़ जेल के दरवाजे पर AAP नेताओं और कार्यकर्ताओं का हुजूम देखने को मिला. मनीष सिसोदिया शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कथित शराब घोटाला मामले में CBI-ED दोनों ही मामले में जमानत दे दी गई. अब लोगों के बीच में मनीष सिसोदिया को फिर से दिल्ली का उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा हो रही है. अब अहम सवाल ये है कि क्या अब फिर से मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम बन सकते हैं. अगर नहीं, तो इसमें क्या कानूनी दावपेंच हैं.

जेल में कैसे होंगे साइन?

आपको बता दे कि केंद्रीय एजेंसियों ने उन पर शराब वेंडिंग लाइसेंसधारियों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने का आरोप लगााया था. जेल से बाहर आने के बाद सिसोदिया के फिर से सरकार में शामिल होने पर उठ रहे सवालों के बीच दिल्ली के विधानसभा चुनाव भी केवल छह महीने दूर रह गए हैं. पार्टी के कुछ नेता उनकी जल्दी से जल्दी बहाली पर जोर दे रहे हैं जबकि कुछ नेता उन्हें संगठन में देखना चाहते हैं. मंत्रियों की नियुक्ति के लिए एलजी को सिफारिश करने का अधिकार अकेले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास है. केजरीवाल इस समय जेल में हैं इस वजह से वो मंत्रियों की नियुक्ति की सिफारिश वाली वाली फाइल पर साइन नहीं कर पाएंगे.

दोबारा डिप्टी सीएम बनने पर SC का जवाब

इस मामले पर SC के वकील अमरनाथ सैनी ने कहा कि अगर वो डिप्टी सीएम या दिल्ली सरकार को नियुक्त करने के लिए मनीष सिसोदिया के नाम की सिफारिश करना चाहते हैं तो उन्हें अदालत से मंजूरी लेनी होगी. अभी वो दिल्ली एक्साइज पॉलिसी या सीबीआई मामले में जेल में बंद हैं और जेल मैनुअल के अनुसार किसी भी कानूनी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए उन्हें उचित पर्यवेक्षण और अदालत की मंजूरी की जरुरत होगी. यदि उसे अपने मंत्रिपरिषद में नियुक्त किए जाने वाले किसी व्यक्ति के नाम की सिफारिश करने वाले किसी कानूनी दस्तावेज या दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए अदालत की मंजूरी मिल जाती है क्योंकि कानूनी तौर पर मुख्यमंत्री नियुक्त होने की वजह से वो संवैधानिक रूप से काम कर सकते हैं लेकिन अनुमोदन के रूप में कुछ ऑर्डर को उन्हें कोर्ट से लेना होगा.

यह भी पढ़ें: राजनीति समाचार, भारतीय राजनीतिक खबरें, पॉलिटिक्स की ताज़ा ब्रेकिंग

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?