Home Top News नीतीश बोले- अब बिहारी होना गर्व की बात, 2005 के बाद बदली राज्य की तस्वीर, गिनाईं उपलब्धियां

नीतीश बोले- अब बिहारी होना गर्व की बात, 2005 के बाद बदली राज्य की तस्वीर, गिनाईं उपलब्धियां

by Sanjay Kumar Srivastava
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Nitish Kumar

CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि नवंबर 2005 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य की कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.

CM Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को कहा कि नवंबर 2005 में उनकी सरकार के सत्ता में आने के बाद से राज्य की कानून-व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. दावा किया कि अब बिहारी होना राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है. X पर एक लंबी पोस्ट में मुख्यमंत्री ने लिखा कि लोग 2005 से पहले के बिहार को नहीं भूल सकते, जब राज्य में अपराध और भ्रष्टाचार अपने चरम पर था. 2005 में जब हमारी सरकार सत्ता में आई, तो हमने कानून-व्यवस्था की बहाली को सबसे ऊपर रखा और कानून का राज स्थापित किया. अपराध और भ्रष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई. अब राज्य में भय या आतंक का कोई माहौल नहीं है. अब बिहारी होना राज्य के लोगों के लिए गर्व की बात है. विपक्षी नेताओं का नाम लिए बिना इंडिया ब्लॉक पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि 2005 से पहले (जब राजद सत्ता में थी) राज्य में पूरी तरह अराजकता थी. शाम 6 बजे के बाद लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था. हमारी बहनें और बेटियां सुरक्षित नहीं थीं.

कहा- लूट ली जाती थीं शोरूम से गाड़ियां

कहा कि अपहरण एक उद्योग का रूप ले चुका था. शोरूम से गाड़ियां लूट ली जाती थीं. अपराधियों के डर से कोई भी नया वाहन नहीं खरीदना चाहता था. कहा कि यहां तक कि पैसे वाले भी नए घर नहीं बनाना चाहते थे. जबरन वसूली करने वालों के आतंक के कारण उद्योग-धंधे बंद हो गए थे. डॉक्टर और इंजीनियर राज्य से पलायन कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो गई थी. बिहार में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ नहीं थी. अपराध को सत्ता में बैठे लोगों का सीधा संरक्षण प्राप्त था. राज्य के लोग डर के साये में जीने को मजबूर थे. उस समय बिहारी होना अपमान माना जाता था. सीएम ने कहा कि पहले पुलिस के पास न तो वाहन थे और न ही हथियार. कुमार ने कहा कि आधुनिक हथियारों की कमी के कारण पुलिस का मनोबल काफी कम था. उन्होंने कहा कि 2005 में बिहार में पुलिस थानों की संख्या मात्र 817 थी, जो अब बढ़कर 1,380 से अधिक हो गई है.

जंगलराज में नहीं लौटेंगे बिहार के लोग

कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब नई सरकार सत्ता में आई, तब बिहार पुलिस की संख्या काफी कम थी. उस समय केवल 42,481 पुलिसकर्मी कार्यरत थे. 2013 से महिलाओं को पुलिस बल में 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए बिहार पुलिस में बड़ी संख्या में महिला कांस्टेबलों की भर्ती की गई है. इसके अतिरिक्त आदिवासी महिला गौरव बटालियन’ का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी अब देश में सबसे अधिक है. उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने 2005 में यह निर्णय लिया था कि वे बिहार को विकास के पथ पर अग्रसर देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ था. आज बिहार न्याय के साथ विकास कर रहा है. युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं और उनके लिए बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं. नया बिहार उद्योगों का प्रदेश है. राज्य समृद्ध हो रहा है. बिहार के लोग अराजकता के उस युग में कभी नहीं लौटेंगे.

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