Karnataka News : कर्नाटक में सीएम पद को लेकर कई दिनों से चल रही खींचतान के बीच सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हम दोनों नेताओं के बीच में कोई विवाद नहीं है.
Karnataka News : कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद को लेकर लगातार चल रहा विवाद के बीच शनिवार को डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार (Dy CM DK Shivakumar) ब्रेकफास्ट के लिए सीएम सिद्धारमैया (CM Siddaramaiah) के आवास पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि दो टॉप लीडरों के बीच ये मीटिंग काफी प्रोडक्टिव चर्चा हुई. सिद्धारमैया ने कांग्रेस हाईकमान के कहने पर डिप्टी सीएम को लीडरशिप के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नाश्ते पर बुलाया था. इसके बाद शिवकुमार ने सोशल मीडिया पोस्ट लिखा कि आज सुबह कावेरी रेजिडेंस में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से ब्रेकफास्ट मीटिंग के लिए मिला. कर्नाटक की प्रायोरिटी और आगे के रास्ते पर एक प्रोडक्टिव चर्चा हुई. साथ ही दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया.
हम दोनों में नहीं है कोई विवाद : CM
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि उनके और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच में कोई विवाद नहीं है और आने वाले समय में ऐसा कोई मतभेद सामने नहीं आएगा. उन्होंने आगे कहा कि ये हमारे द्वारा फैलाई गई गलतफहमी थी, जिसके पीछे भारतीय जनता पार्टी अपनी भूमिका निभा रही थी. मुख्यमंत्री के मुताबिक, इस मीटिंग में साल 2028 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. बता दें कि कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच जारी सियासी संग्राम शांत करने के लिए दोनों नेताओं से इसका समाधान निकालने के लिए कहा था.
दोनों नेताओं को बुलाने की कही थी खरगे ने बात
बता दें कि सिद्धारमैया और शिवकुमार की मुलाकात से पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि मैं सभी को बुलाऊंगा और बात करूंगा. उन्होंने आगे कहा था कि दिल्ली जाने के बाद मैं तीन-चार जरूरी नेताओं को बुलवाऊंगा और उनसे विस्तार से बात करूंगा. साथ ही बातचीत करने के बाद ही तय किया जाएगा किस दिशा की तरफ आगे बढ़ना है और इससे कंफ्यूजन भी खत्म हो जाएगा. इसके अलावा सीएम और डिप्टी सीएम को दिल्ली बुलाने को लेकर जवब खरगे से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हमें निश्चित रूप से उन्हें बुलाना चाहिए और चर्चा करनी चाहिए. इसके अलावा कर्नाटक में बीते 6 महीने से सीएम बदलने की चर्चाएं चल रही हैं और इसके पीछे कई कारण बताएं जा रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि जब कांग्रेस की सरकार राज्य में आई थी उस वक्त फॉर्मूला बनाया गया था कि 2.5 साल के लिए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
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