Home राज्यDelhi दिल्ली विस्फोट मामले में नया मोड़: ATS ने कानपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ को पकड़ा, डॉ. शाहीन से होगा सामना

दिल्ली विस्फोट मामले में नया मोड़: ATS ने कानपुर के हृदय रोग विशेषज्ञ को पकड़ा, डॉ. शाहीन से होगा सामना

by Sanjay Kumar Srivastava
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Delhi Red Fort blast: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट मामले में कानपुर के एक हृदय रोग विशेषज्ञ को हिरासत में लिया है.

Delhi Red Fort blast: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने हाल ही में दिल्ली में हुए विस्फोट मामले में कानपुर के एक हृदय रोग विशेषज्ञ को हिरासत में लिया है.आरोपी हृदय रोग विशेषज्ञ का आमना-सामना डॉ.शाहीन से कराया जाएगा. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राजकीय गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM) मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (कार्डियोलॉजी) के प्रथम वर्ष के छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ (32) को हिरासत में लिया गया है. आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने नजीराबाद के अशोक नगर में उसके किराए के आवास की तलाशी ली. दस्ते ने फोरेंसिक जांच के लिए उसका मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया और उसे पूछताछ के लिए दिल्ली ले गई. अधिकारी ने बताया कि इस मामले में पहले से गिरफ्तार किए गए लोगों से उसका आमना-सामना कराया जाएगा. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का मूल निवासी डॉ.आरिफ जीएसवीएम की पूर्व प्रोफेसर डॉ. शाहीन सईद से पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के बाद एटीएस के रडार पर आया था. दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट वाले दिन आरिफ डॉ. शाहीन के नेटवर्क से जुड़े लोगों के साथ टेलीफोन पर संपर्क में था.

मोबाइल फोन और लैपटॉप जब्त

डॉ.आरिफ ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर का भी दौरा किया था, जिससे संदेह और गहरा गया. जब एटीएस के जवान उसके घर पहुंचे, तो उसने अपने फोन से डेटा डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने समय रहते डिवाइस जब्त कर लिया. उसके कॉल रिकॉर्ड और चैट के शुरुआती जांच से मास्टरमाइंड और अन्य संदिग्धों के साथ उसके संपर्क के संकेत मिले हैं. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि आरोपियों ने संदेशों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साझा ई-मेल आईडी का इस्तेमाल किया, जो कि इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से बचने के लिए आतंकवादी संगठनों द्वारा अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला तरीका है. इस घटना से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और छात्रों में हड़कंप मच गया है. खासकर कार्डियोलॉजी विभाग में, जहां आरिफ ने तीन महीने पहले ही कार्यभार संभाला था. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (कार्डियोलॉजी) डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा कि डॉ. आरिफ तीन महीने पहले अखिल भारतीय परामर्श के माध्यम से यहां शामिल हुए थे. वह बुधवार दोपहर को ड्यूटी पर थे और बाद में परिसर के बाहर अपने आवास पर चले गए. शाम 7 बजे के आसपास हमें सूचित किया गया कि उन्हें पूछताछ के लिए ले जाया गया है. वह कश्मीर से थे और परिसर के बाहर रहते थे. डॉ. ज्ञानेंद्र ने कहा कि वह आते, चुपचाप काम करते और चले जाते थे.

किराए पर रहा रहा था आरोपी डॉक्टर

डॉ. ज्ञानेंद्र ने बताया कि एहतियात के तौर पर कार्डियोलॉजी के सभी प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है. आरिफ के मकान मालिक कन्हैया लाल ने बताया कि वह उनके मकान की दूसरी मंजिल पर एक अन्य डॉक्टर अभिषेक के साथ करीब एक महीने से किराए पर रह रहा है. लाल ने संवाददाताओं को बताया कि शाम करीब 7.30 बजे चार सदस्यों की एक टीम सीधे उसके कमरे में आई. उनके पास पहले से ही चाबियां थीं. उन्होंने पूरे हिस्से की तलाशी ली. उसे फिर से बंद कर दिया और चुपचाप चले गए. उन्होंने कहा कि आरिफ ने कमरा किराए पर लेने से पहले अपनी आईडी जमा कर दी थी, लेकिन उसने कभी कोई संदिग्ध गतिविधि या असामान्य आगंतुकों को नहीं देखा. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि आरिफ को कानपुर में हिरासत में लिया गया था. बाद में आगे की पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों को सौंप दिया गया था. कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने पीटीआई को बताया कि उन्हें हिरासत के बारे में जानकारी मिली है.

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