Home RegionalHaryana सीएम ने कहा- उद्योगों के साथ मिलकर काम करें विश्वविद्यालय, तभी पटेगी शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई

सीएम ने कहा- उद्योगों के साथ मिलकर काम करें विश्वविद्यालय, तभी पटेगी शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई

by Sanjay Kumar Srivastava
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Chief Minister Naib Singh Saini

हरियाणा को एक ऐसे राज्य में बदलना चाहिए जो न केवल डिग्री प्रदान करे बल्कि अपने युवाओं को सार्थक दिशा और उद्देश्य से भी अवगत कराए.

Chandigarh: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कौशल विकास कार्यक्रमों पर विशेष जोर देने को कहा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालयों को शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के लिए उद्योगों के साथ मिलकर काम करना चाहिए. प्रत्येक विश्वविद्यालय को अपने कम से कम 10 प्रतिशत कार्यक्रम उद्योग भागीदारों के सहयोग से चलाने चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पहल से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने के साथ-साथ विभिन्न उद्योगों की उभरती जरूरतों को पूरा करने की उम्मीद है.

व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस होंगे हरियाणा के युवा

सीएम सैनी यहां राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के नवनियुक्त कुलपतियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा को एक ऐसे राज्य में बदलना चाहिए जो न केवल डिग्री प्रदान करे बल्कि अपने युवाओं को सार्थक दिशा और उद्देश्य भी प्रदान करे. सैनी ने हरियाणा के प्रत्येक जिले में एक मॉडल कौशल महाविद्यालय और एक मॉडल कौशल स्कूल स्थापित करने के राज्य सरकार के विजन को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि ये संस्थान छात्रों को विशेष कौशल शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे, उन्हें प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में सफल होने के लिए व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करेंगे.

रोजगार के अवसर पैदा करें कुलपति

मुख्यमंत्री ने कुलपतियों से अनुसंधान उत्पादन, रोजगार के अवसरों, संस्थागत रैंकिंग और शिक्षा की समग्र गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रयास तेज करने का आग्रह किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के विजन को पूरा करने के लिए पूरी ईमानदारी के साथ काम करने और निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर प्रकाश डाला.

संस्थानों की बढ़ाएं रैंकिंग और रेटिंग

उन्होंने कहा कि कुलपतियों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों पर हरियाणा की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अपने-अपने संस्थानों की रैंकिंग और रेटिंग बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक ऐतिहासिक दस्तावेज बताया और शिक्षण संस्थानों में इसके त्वरित और प्रभावी कार्यान्वयन की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया. सैनी ने कुलपतियों से नवाचार और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए एनईपी के प्रमुख आयामों के साथ अपनी रणनीतियों को संरेखित करने का आह्वान किया. उन्होंने विश्वविद्यालयों से ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ के विजन को साकार करने में अपना योगदान अधिकतम करने का आग्रह किया, जिससे राज्य और राष्ट्र की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सके.

विकासपरक शोध पर ध्यान देने का आग्रह

सैनी ने कहा कि हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष की स्थापना की गई है. जो उच्च शिक्षा को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि 20 करोड़ रुपये के शुरुआती आवंटन के साथ, एचएसआरएफ अपनी तरह का पहला कोष है जो नवीन अनुसंधान प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है. मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों को इस कोष का अधिकतम उपयोग करने का निर्देश दिया, विशेष रूप से ऐसे शोध पर ध्यान केंद्रित करना जो हरियाणा के गांवों के सामने आने वाले सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों को संबोधित करते हैं. उन्होंने कहा कि इस कोष का रणनीतिक रूप से प्रभावशाली अध्ययनों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग किया जाना चाहिए जो ग्रामीण समुदायों के विकास और कल्याण में योगदान करते हैं.

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