Home राज्यJammu Kashmir घाटी को फिर दहलाने की साजिश! छिपे हैं 40 से 50 आतंकी, अब इस तरह नाकाम होंगे ‘नापाक’ मंसूबे

घाटी को फिर दहलाने की साजिश! छिपे हैं 40 से 50 आतंकी, अब इस तरह नाकाम होंगे ‘नापाक’ मंसूबे

by Sanjay Kumar Srivastava
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एक अधिकारी ने बताया कि राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर सहित कई ज़िलों में आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए जा रहे हैं.

Nagrota (Jammu): जम्मू क्षेत्र के भीतरी और सीमावर्ती इलाकों में आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने सर्च आपरेशन तेज कर दिया है. घने जंगलों में ड्रोन की मदद ली जा रही है. बताया जा रहा है कि आतंकियों की संख्या 40 से 50 के बीच है. सुरक्षा बल कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं. क्षेत्र में सक्रिय 40 से 50 आतंकवादियों को पकड़ने के लिए ऊंचे इलाकों पर सुरक्षा बलों ने अपना अभियान तेज कर दिया हैं. आतंकवादियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन-रोधी रणनीति, अतिरिक्त तैनाती और रात के अभियानों को तेज़ करने सहित बहुस्तरीय उपाय किए गए हैं. सूत्रों के अनुसार, पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में वर्तमान में कई समूहों में लगभग 40 से 50 आतंकवादी सक्रिय हैं. उनमें से लगभग 80 प्रतिशत पाकिस्तानी नागरिक हैं.

संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात

एक अधिकारी ने बताया कि राजौरी, पुंछ, किश्तवाड़, डोडा और उधमपुर सहित कई ज़िलों में आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए जा रहे हैं. ये अभियान किश्तवाड़, बसंतगढ़, राजौरी और पुंछ के अंदरूनी इलाकों पर केंद्रित हैं, जहां जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी सैन्य गतिविधियों को निर्देशित करने में अहम भूमिका निभा रही है. सुरक्षा व्यवस्था को काफ़ी बढ़ा दिया गया है और क्षेत्र के उच्च-संवेदनशील इलाकों और ऊंचाई पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. एक सूत्र ने बताया कि क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों को सुरक्षा बलों ने अपने प्रभावी नियंत्रण में ले लिया है. नाइट विज़न उपकरणों और अन्य आधुनिक उपकरणों का उपयोग करके रात्रि निगरानी बढ़ा दी गई है. कश्मीर घाटी में प्रवेश के लिए आतंकवादियों द्वारा पहले इस्तेमाल किए गए रास्तों को बंद कर दिया गया है और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए गए हैं.

सीमा पर घात लगाए बैठे हैं आतंकवादी

सूत्र ने आगे कहा कि सीमा पार से गतिविधियां जारी हैं. रिपोर्ट्स बताती हैं कि सीमा पर आतंकवादी घात लगाए बैठे हैं. हालांकि, हमारे सैनिक ऐसी किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं. आतंकवाद-रोधी रणनीति में संशोधन किया गया है और रात्रिकालीन अभियानों और रणनीतियों पर ज़्यादा ज़ोर दिया गया है, जिसका उद्देश्य आतंकवादियों को फिर से संगठित होने, शरण लेने और पहाड़ी श्रृंखलाओं में रात में गतिविधियां करने का मौका न देना है. सूत्रों ने किश्तवाड़ के चटरू इलाके में हाल ही में हुई एक मुठभेड़ का भी हवाला दिया, जहां एक पहाड़ी इलाके पर पहले से ही हावी सेना के जवानों ने एक आतंकवादी समूह को अचानक पकड़ लिया. आतंकवादियों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सैनिकों पर ग्रेनेड फेंका, जिससे इस बात की पुष्टि हुई कि अब कड़ी निगरानी वाले ऊंचे इलाकों में काम करने में उनकी बेचैनी बढ़ रही है. अधिकारी ने कहा कि हम आतंकियों पर शिकंजा कस रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पहलगाम में हुई J&K सरकार की कैबिनेट बैठक, उमर अब्दुल्ला बोले- हम आतंकवादियों से नहीं डरते

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