Home Latest News & Updates ACB की छापेमारी में खुलासा: अतिक्रमण विभाग प्रमुख 25 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए, जेल

ACB की छापेमारी में खुलासा: अतिक्रमण विभाग प्रमुख 25 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए, जेल

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
Maharashtra Police

Bribery Scandal: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने 25 लाख की रिश्वत लेते ठाणे के उप नगर आयुक्त समेत दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

Bribery Scandal: महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने 25 लाख की रिश्वत लेते ठाणे के उप नगर आयुक्त समेत दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के एक उपायुक्त और एक व्यक्ति को गुरुवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से दोनों को 4 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. उप नगर आयुक्त शंकर पटोले, जो टीएमसी के अतिक्रमण नियंत्रण और निष्कासन विभाग का नेतृत्व कर रहे थे, और एक व्यक्ति ओमकार गायकर को बुधवार को नागरिक मुख्यालय में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा की गई छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया था. दोनों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीजी मोहिते के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने एसीबी अधिकारियों की दलीलें सुनने के बाद दोनों को 4 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया. वकील विशाल भानुशाली पटोले के लिए पेश हुए. गायकर का प्रतिनिधित्व वकील जयेश तिखे ने किया. रिश्वतखोरी की एफआईआर में नामित तीसरा व्यक्ति सुशांत सुर्वे वर्तमान में फरार है.

तीसरा आरोपी फरार

एसीबी के अनुसार, भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पटोले, गायकर और सुर्वे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एसीबी ने अपराध की आगे की जांच और तीसरे आरोपी का पता लगाने सहित विभिन्न आधारों पर दोनों की हिरासत मांगी थी. नौपाड़ा के विष्णु नगर में रियल एस्टेट डेवलपर अभिजीत कदम ने मुंबई एसीबी से शिकायत की थी कि ठाणे के एक नागरिक अधिकारी (पटोले) ने शहर में उनके परिसर से अतिक्रमण हटाने के लिए कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने 4 जुलाई को सुर्वे के माध्यम से अधिकारी को पहले ही 10 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था. बिल्डर बुधवार को टीएमसी मुख्यालय में पटोले के केबिन में गायकर को शेष 25 लाख रुपये सौंप रहा था, जब एसीबी ने दोनों को पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया.

रंजिश में फंसाने का आरोप

पटोले के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल और गिरफ्तार डेटा ऑपरेटर या फरार आरोपी के बीच कोई सांठगांठ नहीं थी. उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि पटोले को उनके पूर्व अतिक्रमण विरोधी कार्यों को लेकर रंजिश के कारण झूठा फंसाया गया था. हिरासत देते हुए अदालत ने कहा कि अपराध की प्रकृति गंभीर है और नगर निगम के कई सरकारी अधिकारियों और क्लर्कों से जुड़े एक बड़े रैकेट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि दोनों गिरफ्तार आरोपियों के आवाज के नमूने प्राप्त करने और यह पता लगाने के लिए हिरासत की आवश्यकता है कि क्या उन्होंने इस तरह से बेदखली की कार्यवाही के लिए अन्य व्यक्तियों से रिश्वत की मांग की थी. गिरफ्तारियां नागरिक निगम की 43वीं वर्षगांठ पर की गईं. अधिकारियों ने कहा कि मामले की आगे की जांच एसीबी की ठाणे इकाई द्वारा की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः बीमा कंपनी की बहानेबाजी फेल! ट्रक मालिक व कंपनी दोनों जिम्मेदार, फ्रैक्चर पर सरकारी कर्मी को मिले 15.11 लाख

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?