Odisha Government: ओडिशा सरकार ने सूबे में उग्रवाद को खत्म करने के लिए नई नीति की घोषणा की है. मुख्य धारा में लौटने वाले माओवादियों को सरकार ‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति’ के तहत विशेष सुविधाएं देगी.
Odisha Government: ओडिशा सरकार ने सूबे में उग्रवाद को खत्म करने के लिए नई नीति की घोषणा की है. मुख्य धारा में लौटने वाले माओवादियों को सरकार ‘आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति’ के तहत विशेष सुविधाएं देगी. राज्य में वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन के लिए ओडिशा सरकार ने वित्तीय सहायता और अन्य राशि बढ़ाकर माओवादी आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति शुरू की है. ओडिशा के गृह विभाग ने कहा कि आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति का उद्देश्य कट्टर वामपंथी उग्रवादियों को अलग करके राज्य में वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करना और उसका उन्मूलन करना है. नीति का उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली रोजगार करें और उग्रवाद की ओर न लौटें. ओडिशा सरकार ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों को दो श्रेणियों श्रेणी ए और बी में वर्गीकृत किया जाएगा.
श्रेणी बी के कैडरों को मिलेंगे 2.5 लाख
उच्च रैंकिंग वाले कैडर जैसे केंद्रीय समिति सचिव, केंद्रीय सैन्य आयोग प्रमुख, पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय समिति सदस्य, राज्य समिति सदस्य या समकक्ष रैंक, विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य और क्षेत्रीय समिति सदस्य श्रेणी ए के अंतर्गत आते हैं. इसी तरह निचले रैंक के कैडर, जिनमें संभागीय समिति सचिव, सैन्य प्लाटून कमांडर, संभागीय समिति सदस्य, क्षेत्र समिति सचिव और क्षेत्र समिति सदस्य श्रेणी बी का हिस्सा रहेंगे. नई अधिसूचना के अनुसार, श्रेणी ए के लिए वित्तीय सहायता पहले की 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. जबकि श्रेणी बी के कैडरों को 2.5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी. यदि कोई माओवादी चालू हालत में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों के साथ आत्मसमर्पण करता है, तो उसे बढ़ी हुई वित्तीय सहायता का लाभ मिलेगा.
हथियार के साथ सरेंडर करने पर विशेष सुविधा
लाइट मशीन गन (एलएमजी), एके-47 राइफल (पहले 10,000 रुपये से बढ़कर 3.3 लाख रुपये), एसएलआर/इंसास राइफल (पहले 10,000 रुपये से बढ़कर 1.65 लाख रुपये) और .303 राइफल (पहले 5,000 रुपये से बढ़कर 82,500 रुपये) के साथ आत्मसमर्पण करने पर उसे 4.95 लाख रुपये की सहायता मिलेगी. 5 लाख रुपये या उससे अधिक के इनाम वाले सक्रिय आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 10 लाख रुपये की अतिरिक्त एकमुश्त राशि दी जाएगी. संशोधित नीति में कहा गया है कि यह राशि जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली के नाम पर किसी भी बैंक में सावधि जमा के रूप में जमा की जाएगी और इससे प्राप्त ब्याज राशि उन्हें दी जाएगी. सावधि जमा की तारीख से 3 साल की अवधि के बाद यह राशि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को एकमुश्त दी जाएगी, जो आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली के संतोषजनक व्यवहार और आचरण के अधीन होगी. इसका निर्णय जिला पुलिस अधीक्षक की अनुशंसा पर आत्मसमर्पण और पुनर्वास समिति द्वारा किया जाएगा.
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