Ganesh Visarjan 2025 : गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक होता है. यह पर्व 10 दिनों तक चलता है. लेकिन जब उनकी विदाई होती है तब सबकी आंखें नम हो जाती हैं.
Ganesh Visarjan 2025 : गणेश चतुर्थी का त्योहार भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक माना जाता है. ये पर्व 10 दिनों तक के लिए चलता है. इस दौरान लोग अपने घर में बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद समापन गणेश विसर्जन के साथ किया जाता है. इस दौरान हर किसी की आंखें नम हो जाती हैं. गणेश विसर्जन वाले दिन गणेश जी की प्रतिमा को पूरे सम्मान और धूमधाम के साथ विसर्जित किया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं गणेश विसर्जन की तिथि, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़े महत्व और परंपराएं.
कब है गणेश विसर्जन?
इस बार गणेश विसर्जन 6 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन ही अनंत चतुर्दशी ता त्योहार भी मनाया जाएगा. लेकिन परंपराओं के अनुसार 1.5, 3, 5 या 7 दिनों भी विसर्जन करते हैं.
गणेश विसर्जन का तरीका
गणेश विसर्जन वाले दिन सुबह से उपवास रखना चाहिए. अगर किसी भी कारण आप उपवास नहीं रख पा रहे हैं तो केवल फलाहार का सेवन करें. घर में स्थापित हुई गणेश जी की मुर्ति की विधिवत पूजा करें. पूजा में नारियल, शमी के पत्र और दूब जरूर भगवान गणेश को जरूर अर्पित करें. गणेश का विसर्जन नंगे पैर से ही करें.
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विसर्जन के समय करें ये विशेष उपयोग
विसर्जन के दौरान एक पीला कागज लें. अब नई लाल रंग के पेन लें. पीले कागज पर सबसे ऊपर स्वस्तिक बनाएं और इसके बाद से स्वस्तिक के नीचे ‘ऊं गं गणपतये नमः का मंत्र लिखें. इसके बाद आपके जीवन में जो भी परेशानी हैं वह लिखे. इसके बाद से कागज के पीछे कुछ ना लिखें. समस्याओं लिखने के अंत में अपना नाम लिखें . इसके बाद गणेश मंत्र लिखें. सबसे आखिर में स्वस्तिक बनाएं. कागज को मोड़कर उसे रक्षा सूत्र से बांध लें. इस कागज को भगवान गणेश को समर्पित करें और मूर्ति के साथ विसर्जन कर दें.
अनंत चतुर्दशी का महत्व
यहां पर बता दें कि इस दिन मोक्ष की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है. इसके लिए अनंत चतुर्दशी का उपवास भी रखा जाता है. इसके साथ ही हाथ में सूत्र बांधा जाता है और व्रत के समय इसे खोल दिया जाता है. इस व्रत में नमक का उपयोग नहीं किया जाता है. कोशिश करें कि व्रत के समय मीठी चीजें जैसे सेवईं या खीर खाते हैं.
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