Sawan Somwar 2025: 4 अगस्त को सावन का आख़िरी सोमवार, जलाभिषेक से दूर होंगे कष्ट, मिलेगा मनोकामना पूर्ति का वरदान. पढ़ें पूरी खबर
Sawan Somwar 2025: सावन का महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है, और उसमें भी सोमवार का विशेष महत्व होता है. 4 अगस्त 2025 को सावन का अंतिम सोमवार पड़ रहा है. इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और विशेष फल की प्राप्ति के लिए जलाभिषेक में दिव्य वस्तुएं मिलाकर भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं
शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक
भोलेनाथ पर जल चढ़ाने का पुण्य फल तभी प्राप्त होता है जब यह कार्य सही मुहूर्त में किया जाए.
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:20 से 05:02 तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:54 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:42 से 03:36 तक
- अमृत काल: शाम 05:47 से 07:34 तक
इन मुहूर्तों में श्रद्धा से शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
गंगाजल
गंगाजल को शुद्धता और मोक्ष का प्रतीक माना गया है. कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त गंगाजल लाकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. अंतिम सोमवार पर जल में गंगाजल मिलाकर चढ़ाने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
दूध
दूध चंद्रमा से संबंधित है, जो शांति और पवित्रता का कारक माना जाता है. जल में दूध मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से मन और शरीर की शुद्धि होती है तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है. यह प्रक्रिया चित्त को एकाग्र भी करती है.
दही
दही को लक्ष्मी का रूप माना गया है. शिवलिंग पर दही से अभिषेक करने से धन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं और घर में समृद्धि आती है. यह भोलेनाथ को प्रसन्न करने का अत्यंत प्रभावी उपाय है.
चंदन
चंदन ठंडक, सुगंध और सकारात्मकता का प्रतीक है. जल में थोड़ा चंदन मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करने से जीवन में शांति, आनंद और सौभाग्य का वास होता है. यह मानसिक तनाव को भी दूर करता है.
सावन का अंतिम सोमवार शिवभक्ति के लिए अत्यंत शुभ अवसर है. यदि आप इस दिन जल में गंगाजल, दूध, दही और चंदन मिलाकर श्रद्धा से शिवलिंग का अभिषेक करें, तो भोलेनाथ आपकी हर मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं. इन दिव्य सामग्रियों के साथ किया गया जलाभिषेक न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि धन, शांति और सुख का मार्ग भी प्रशस्त करता है.
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