Team India : महिला क्रिकेट टीम ने विश्व कप जीतने के बाद हर एक भारतीय को भावुक कर दिया था. इसी टीम के कोच अमोल मजूमदार ने कहा कि यह जीत खिलाड़ियों की नहीं बल्कि हर एक भारतीय की है.
Team India : महिला क्रिकेट टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार (Amol Mazumdar) का मानना है कि हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) के नेतृत्व में टीम इंडिया का विश्व कप जीतना सिर्फ क्रिकेट का नहीं बल्कि भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक दिन है. भारतीय क्रिकेट टीम ने पिछले हफ्ते नवी मुंबई में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी उठाई. इस ट्रॉफी को जीतने के बाद इसे अब ऐतिहासिक बताया जा रहा है जिसकी तुलना पुरुष टीम की 1983 की ऐतिहासिक विश्व कप जीत से तुलना की जा रही है. साथ ही टीम इंडिया के खिलाड़ी मैदान पर ही भावुक हो गए थे और उनको भी पता है कि उन्होंने बहुत बड़ा कारनामा करके दिखाया है, 52 सालों से चला आ रहा सूखा को टीम इंडिया ने आखिरकार खत्म कर दिया.
हार के बाद टीम इंडिया की सबसे बड़ी जीत
हेड कोच अमोल मजूमदार ने समाचार एजेंसी PTI से कहा कि अगर हम 1983 विश्व कप की बात करें तो मुझे लगता है कि महिला विश्व कप जीतना सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लिए नहीं, बल्कि भारतीय खेलों के लिए ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि यह जीत इसलिए भी खास है कि क्योंकि एक समय भारतीय टीम को लगातार तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा था और उस वक्त लगने लगा कि इस बार टीम इंडिया जल्द ही टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी. इसके बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी करते हुए न्यूजीलैंड को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई और उसके बाद सेमीफाइनल में सात बार की चैंपियन रही ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की.
प्रथम श्रेणी में शानदार प्रदर्शन करने के बाद नहीं मिला मौका
हेड कोच ने कहा कि इसमें कोई शक वाली बात नहीं है कि जब हमने विश्व कप जीत लिया है तो उस खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ का योगदान अहम है. मजूमदार ने आगे कहा कि सभी लोगों ने अपना योगदान दिया है और बहुत से खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करके दिखाया. यह जीत सिर्फ खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ की नहीं बल्कि हर एक भारतीय की जीत है. आपको बताते चलें कि अपने शानदार घरेलू करियर में 171 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 30 शतक और 60 अर्धशतक के साथ 11 हजार से ज्यादा रन बनाने के बाद मजूमदार को भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. उन्होंने कहा कि टीम इंडिया से खेलने की बाद मैंने साल 2014 में संन्यास लेने के बाद ही छोड़ दी थी. अब वह इतिहास बन चुका है और उस बात को गुजरे 11 साल हो गए हैं.
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