Punjab Politics : पंजाब और केंद्र एक बार आमने-सामने आ गए हैं. सीएम भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के मुद्दे को नजरअंदाज करके केंद्र ने राज्य के लोगों की भावनाओं के साथ खेला है.
Punjab Politics : केंद्र और पंजाब सरकार एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं. दोनों सरकारों के बीच में सबसे ज्यादा पराली जलाने का मुद्दा गरम रहता है. इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्र ने राज्य से जुड़ कई मुद्दे टालने का फैसला किया है, जिसमें मुख्य रूप से पड़ोसी राज्य के साथ नदी के पानी, दूसरे अधिकारों का बंटवारा और पंजाब यूनिवर्सिटी का रीस्ट्रक्चरिंग शामिल है. सीएम मान ने दावा किया कि फरीदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई नॉर्दर्न ज़ोनल काउंसिल की 32वीं मीटिंग पंजाब से जुड़े मुद्दों को उठाया था. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने बैठक में कहा था कि केंद्र को राज्य के हितों को नजरअंदाज करते हुए पंजाब की भावनाओं से नहीं खेलना चाहिए.
पड़ोसी राज्यों के दावों का किया विरोध
पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार के पक्के वादे को दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और उसके लोगों के अधिकारों की रक्षा के तौर पर वह किसी को भी उन्हें छीनने का अधिकार नहीं देगा. वहीं, सीएम मान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब मैंने मीटिंग में पंजाब से जुड़े मुद्दों पर उठाया था तो केंद्र ने राज्य से जुड़े सभी 11 मुद्दों को टाल दिया. पंजाब के अधिकारों पर किसी का कब्जा नहीं होने देंगे. इस दौरान पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और दूसरे लोग भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने बैठक में पड़ोसी राज्यों के सभी दावों को पुरजोर विरोध किया और गृह मंत्री से कहा कि उन्हें कतई भी पंजाब के अधिकारों को छीनने का अधिकार नहीं है.
पंजाब के अधिकारों का उल्लंघन करने पर तुले
उन्होंने कहा कि सभी राज्य के प्रतिनिधियों ने अपनी बात को रखा, जिसमें हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्य शामिल थे और ये पंजाब के अधिकारों को उल्लंघन करने पर तुले हुए हैं. मान ने कहा कि हमारे अधिकारों को छीनने के लिए वह दूसरे राज्यों पर दबाव बनाने का काम कर रहे हैं. मुख्यमंत्री मान ने यहां तक कह दिया कि पंजाब के संसाधनों और नदी के पानी में हिस्सेदारी की गलत मांग करके मजाक उड़ाया है.
मान ने दावा किया कि कुल 28 एजेंडा आइटम में से 11 राज्यों से जुड़े थे और पहली बार राज्य सरकार की कड़ी कोशिशों की वजह से उन सभी को टाल दिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये मुद्दे असल में उनके पहले की पार्टियों (अकालियों, BJP और कांग्रेस) ने पंजाब के लोगों के सामने कांटे बोए थे. उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग नदी के पानी को लेकर हंगामा मचा रहे हैं उन्हें इस बात की तरफ भी ध्यान चाहिए कि नदी के पानी की उपलब्धता का रियल टाइम असेसमेंट किया जाना चाहिए.
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