Jammu-Kashmir News : जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लगातार मांग चल रही है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें पीठ ने कहा कि हमको जमीन जायजा भी ले लेना चाहिए.
Jammu-Kashmir News : जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए सियासत गरमा जाती है और इससे जुड़ी याचिकाओं पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इसी बीच कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा देते समय पहलगाम आतंकी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वहीं, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में मुख्यमंत्री उमर (Omar Abdullah) अब्दुल्ला ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य को आतंकी गतिविधियों से जोड़ने की प्रथा की कड़ी आलोचना की और जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के जरिए इस क्षेत्र के राज्य के दर्जे पर फैसलों को प्रभावित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
जमीनी स्थिति का जायजा लिया जाए
केंद्र शासित प्रदेश को लेकर भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Chief Justice BR Gavai) की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल करने से पहले इस क्षेत्र की जमीनी स्थिति का जायजा लिया जाना चाहिए. सर्वोच्च अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम जैसी घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. पहलगाम घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या पहलगाम के हत्यारे और पड़ोसी देश (पाकिस्तान) में बैठे उनके आका यह तय करेंगे कि हम एक राज्य बनेंगे या नहीं? उन्होंने जोर देकर कहा कि जब कभी हम पूर्ण राज्य का दर्जा पाने के करीब पहुंचते हैं तो वह कुछ न कुछ नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं. क्या यह उचित हैं? हम लोगों को उस गुनाह की सजा क्यों दी जा रही है जिसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है.
हम हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे : अब्दुल्ला
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग खुद इस हमले के खिलाफ खड़े हुए हैं और कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने आगे कहा कि दुर्भाग्य से हमें आज पहलगाम आतंकी हमले की सजा मिल रही है. पाकिस्तानी आतंकियों ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में बैसरन मैदान में 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी. अब्दुल्ला ने आगे कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र याचिका पर जवाब देने के लिए दिए गए आठ हफ्तों के समय के दौरान जम्मू-कश्मीर को राज्य दर्जा देने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा. अगर लोग हस्ताक्षर करने के लिए तैयार नहीं हुए तो मैं हार मान लूंगा. उन्होंने कहा कि आज से हम आठ हफ्तों का इस्तेमाल 90 विधानसभा क्षेत्रों में घर-घर जाकर राज्य का दर्जा का बहाल करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे.
यह भी पढ़ें- Kishtwar अब तक 46 लोगों की मौत, तबाही का खौफनाक दास्तान; थम उठी लोगों की सांसे
