Home राज्यDelhi दिल्ली ब्लास्ट के बाद LG सख्त, पुलिस को अमोनियम नाइट्रेट खरीदने-बेचने के दिए ये निर्देश

दिल्ली ब्लास्ट के बाद LG सख्त, पुलिस को अमोनियम नाइट्रेट खरीदने-बेचने के दिए ये निर्देश

by Sachin Kumar
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Delhi Blast : दिल्ली ब्लास्ट के बाद प्रशासन सख्त हैं और इसी कड़ी में राजधानी के उपराज्यपाल ने पुलिस को एक तय सीमा से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट खरीदने और बेचने वाली कंपनियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए हैं.

Delhi Blast : दिल्ली में लाल किले के पास विस्फोट में 15 लोगों की मौत के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) ने पुलिस कमिश्नर और मुख्य सचिव को एहतियाती के तौर पर बड़े कदम उठाने के लिए कहा है. वीके सक्सेना ने पुलिस को एक तय सीमा से ज्यादा अमोनियम नाइट्रेट (Ammonium Nitrate) खरीदने और बेचने वाली कंपनियों का डिजिटल रिकॉर्ड रखने के निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल ने पुलिस से कहा कि वे एक अमोनियम नाइट्रेट खरीदने और बेचने वालों की एक तस्वीर के साथ दूसरी डिटेल्स भी जमा करें. इसके अलावा पुलिस को मेटा और एक्स समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के हेड्स के साथ कंसल्टेशन एक्सरसाइज करने का भी निर्देश दिया है, ताकि नागरिकों का ब्रेनवॉश करने वाले रेडिकल कंटेंट की साइंटिफिक ट्रैकिंग की जा सकें.

सुरक्षा कर्मियों की तैनाती को ट्रैक किया जाए

राज निवास के एक अधिकारी ने कम्युनिकेशन का हवाला देते हुए कहा कि पुलिस कमिश्नर को ह्यूमन और टेक्निकल इंटेलिजेंस को मजबूत करने के लिए कहा गया है, जिसमें रेडिकलाइजेशन के लिए कमजोर इलाकों पर ध्यान दिया जाएगा. साथ ही मजबूत प्रिवेंटिव पुलिसिंग के लिए कम्युनिटी आउटरीच और नागरिकों की भागीदारी को भी बढ़ाया जाना चाहिए. उपराज्यपाल ने पुलिस को बिजी मार्केट और ISBT का एक कड़ा सिक्योरिटी ऑडिट करने का भी निर्देश दिया ताकि CCTV कैमरा कवरेज और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती को ट्रैक किया जा सके. प्रशासन को एक सेंट्रल डेटा रिपॉजिटरी बनाने के लिए कहा गया है, जिसमें अस्पतालों में काम करनेवाले डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ के रिकॉर्ड के साथ-साथ उनकी मेडिकल डिग्री की डिग्री भी होना चाहिए.

असली मालिक ‘रजिस्टर्ड मालिक’ से अलग हो

इसके अलावा सेकंड हैंड गाड़ियों की बिक्री और खरीद में लगे सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म और फाइनेंसरों के साथ कंसल्टेशन एक्सरसाइज करने के लिए भी कहा गया है. अधिकारी ने आगे कहा कि साफ निर्देश दिए जाने चाहिए कि किसी भी हालत में ऐसी गाड़ियों को चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी जिनका असली मालिक ‘रजिस्टर्ड मालिक’ से अलग हो. यह समस्या ऑटोरिक्शा के मामलों में सबसे ज्यादा गंभीर बताई जा रही है, जहां परमिट होल्डर असली मालिक से अलग होता है. बता दें कि 10 नवंबर को धमाका सुसाइड बॉम्बर ने किया था, हरियाणा के फरीदाबाद से मुख्य रूप से विस्फोटकों के एक बड़े जखीरे की बरामदगी के साथ एक इंटरस्टेट व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का खुलासा होने के तुरंत बाद हुआ था.

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