Mayawati News : बसपा प्रमुख ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों में राजनीतिक ईमानदारी की काफी कमी है और लखनऊ में भव्य रैली को देखकर यह काफी हताश है.
Mayawati News : बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने गुरुवार को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (SP) पर राजनीतिक ईमानदारी की कमी का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि BSP ही एकमात्र पार्टी है जो हाशिए पर पड़े समुदायों के कल्याण और संवैधानिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई एक विशेष बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से 2027 के राज्य विधानसभा चुनावों की तैयारियों में अपनी पूरी ऊर्जा और संसाधान लगाने का आग्रह किया. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी का लक्ष्य राजनीतिक सत्ता की मास्टर कुंजी हासिल करना और सामाजिक एवं आर्थिक मुक्ति की अपनी विरासत को जारी रखना है.
भीड़ देखने के बाद विरोधी दल हुए पस्त
इसके अलावा मायावती ने बैठक के दौरान BSP के संस्थापक की 19वीं पुण्यतिथि पर 9 अक्टूबर को लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित भव्य रैली की ऐतिहासिक सफलता के लिए पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया. इस विशाल रैली का जिक्र करते हुए BSP प्रमुख ने कहा कि रेलगाड़ियों, प्राइवेट बस, छोटे वाहनों और यहां तक कि पैदल आए लोगों की ऐतिहासिक भीड़ ने बहुजन समाज पार्टी के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाया. उन्होंने कहा कि इस भारी भीड़ को देखने के बाद विरोधी दलों के नेताओं ने आरोप लगाकर तुच्छ राजनीति की और कहा कि इस आयोजन को प्रदर्शित करने के लिए सरकारी बसों का इंतजाम किया गया था. विरोधी दलों की तरफ से इन आरोपों के बाद उनकी हताशा के बारे में साफ पता चल रहा है.
सरकार में आने के बाद बदले नाम
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री ने BSP की लिखित मांग को स्वीकार करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया कि BSP शासन के दौरान निर्मित और लखनऊ में पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित स्मारकों और पार्कों टिकटों की बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग उनके रखरखाव के लिए किया जाए. मायावती ने आगे कहा कि यह BSP की राजनीतिक ईमानदारी और सद्भावना को दर्शाता है, जबकि ऐसे मूल्य की कद्र समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नहीं कर सकती है क्योंकि राजनीतिक ईमानदारी उनके चरित्र में नहीं है. उन्होंने सपा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि उसकी जातिवादी मानसिकता की वजह से ही उसने BSP सरकार के दौरान बनाए गए स्मारकों की उपेक्षा की. साथ ही बहुजन समाज के महान संतों, गुरुओं और समाज सुधार के सम्मान में स्थापित किए गए नए जिले, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, अस्पताल और अन्य संस्थानों के नाम बदल दिए. मायावती ने कहा कि अगर तत्कालीन सपा सरकार इस तरह के कदम नहीं उठाती तो शायद उनका नाम इतिहास के काले पन्नों में दर्ज होने से बच जाती.
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