Home Top News ट्रंप प्रशासन के एक्शन पर ‘हार्वर्ड’ का पलटवार, बताया असंवैधानिक प्रतिशोध; जानें पूरा मामला

ट्रंप प्रशासन के एक्शन पर ‘हार्वर्ड’ का पलटवार, बताया असंवैधानिक प्रतिशोध; जानें पूरा मामला

by Sachin Kumar
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Trump Administration & Harvard Conflict

Trump Administration & Harvard Conflict : हार्वर्ड का विवाद थमता दिखाई नहीं दे रहा है और ट्रंप प्रशासन ने विदेशी छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी है. इसी बीच यूनिवर्सिटी ने भी कोर्ट में जाने का फैसला किया है.

Trump Administration & Harvard Conflict : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) दुनिया की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी ‘हार्वर्ड’ के पीछे हाथ-पैर धोकर पीछे पड़ गया है. ट्रंप प्रशासन ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के एडमिशन करने वाले यूनिवर्सिटी के अधिकार को खत्म कर दिया है. इसी बीच हार्वर्ड ने भी गहरी प्रतिक्रिया दी है और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोर्ट में ट्रंप प्रशासन के फैसले को चुनौती दी है. इसके अलावा विश्वविद्यालय ने सरकार की तरफ से लिए गए इस तरह के फैसले को राजनीतिक मांगों की अवहेलना करने के लिए असंवैधानिक प्रतिशोध बताया है. बोस्टन में संघीय अदालत में शुक्रवार को दायर मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि सरकार की कार्रवाई प्रथम संशोधन का उल्लंघन करती है और विदेशी छात्रों द्वारा लिए गए एडमिशन की वैधता को खत्म कर रही है.

6800 से ज्यादा एडमिशन लेते हैं स्टूडेंट्स

हार्वर्ड ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि सरकार ने अपने एक साइन से यूनिवर्सिटी के एक चौथाई छात्रों को एडमिशन लेने से रोक दिया. उन्होंने यह भी कहा कि वह होमलैंड सुरक्षा विभाग को इस कदम को लागू करने से रोकने के लिए एक अस्थायी प्रतिबंध आदेश दायर करने की योजना बना रहा है. हार्वर्ड मैसाचुसेट्स के कैम्ब्रिज में हर साल 6800 से ज्यादा विदेशी छात्रों को एडमिशन देता है और इनमें से अधिकतर 100 से ज्यादा देशों से आते हैं. विभाग ने गुरुवार को कार्रवाई करते हुए कहा कि हार्वर्ड पर आरोप लगयाा कि अमेरिका विरोधी, आतंकवाद समर्थक आंदोलनकारियों को परिसर में यहूदियों पर हमला करने के लिए माहौल बनाया गया है. इसके साथ अमेरिकी गृह सचिव ने यहां तक कह दिया कि हार्वर्ड ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ समन्यवय भी बनाया है. इसके अलावा यूनिवर्सिटी ने साल 2024 तक एक चीनी अर्धसैनिक ग्रुप के सदस्यों की मेजबानी और प्रशिक्षण भी किया था.

हार्वर्ड अपने सिद्धांतों पर अडिग

वहीं, हार्वर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि विश्वलिद्यालय ने पिछले डेढ़ सालों में अपने शासन में कई तरह बदलाव किए हैं. इसमें यहूदी विरोधी विचारधाराओं के खिलाफ लड़ने का काम भी इंतजाम किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि हार्वर्ड अपने सिद्धांतों पर अडिग है. हार्वर्ड के अंतरराष्ट्रीय नामांकन पर खतरा 16 अप्रैल को होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम के अनुरोध पर उपजा है, जिन्होंने मांग की थी कि हार्वर्ड उन स्टूडेंट्स के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए जिन्होंने हिंसा या विरोध प्रदर्शनों में लिया था. नोएम ने कहा कि हार्वर्ड विदेशी छात्रों का एडमिशन फिर दिलाने लग जाएगा यदि वह 72 घंटों के भीतर विदेशी छात्रों के रिकॉर्ड को पेश करता है.

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