जम्मू के डिवीजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार ने कहा, “हमें दीनापुर रेलवे स्टेशन पर इस सिस्टम को शुरू करने पर गर्व है. यह रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
Indian Railways: नॉर्थ रेलवे के जम्मू डिवीजन के दीनानगर रेलवे स्टेशन पर पहला डायरेक्ट अनलॉकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है. न्यूज एजेंसी PTI को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस कदम से रेलवे परिचालन में दक्षता और सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है. जम्मू के डिवीजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार ने कहा कि शनिवार को स्थापित यह सिस्टम रेलवे सिग्नलिंग और पॉइंट मशीनरी को सीधे कंट्रोल करता है, जिससे मानवीय भूल का जोखिम कम होता है. उन्होंने कहा कि डायरेक्ट अनलॉकिंग सिस्टम ट्रेनों के सुरक्षित मार्ग को सुनिश्चित करता है, जिससे दुर्घटनाओं का जोखिम कम होता है. उन्होंने आगे कहा कि यह सिस्टम ट्रेनों की आवाजाही को भी सुव्यवस्थित करता है और ट्रेन संचालन की दक्षता में सुधार करता है.
‘सिस्टम को शुरू करने पर गर्व है’
जम्मू के डिवीजनल रेलवे मैनेजर विवेक कुमार ने कहा, “हमें दीनापुर रेलवे स्टेशन पर इस सिस्टम को शुरू करने पर गर्व है. यह रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह सिस्टम न केवल सुरक्षा और दक्षता में सुधार करेगा, बल्कि यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगा. भारतीय रेलवे अन्य स्टेशनों पर भी इस सिस्टम को लागू करने की योजना बना रहा है. यह भारतीय रेलवे को आधुनिक, सुरक्षित और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”
रेलवे के प्रवक्ता ने क्या कहा?
इस बीच, रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छह जून को कटरा और श्रीनगर के बीच दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद, जम्मू-कश्मीर में रेल पटरियों और डिब्बों का तेजी से हो रहा है. ये ट्रेनें कश्मीर को देश के रेल नेटवर्क से जोड़ती हैं. प्रवक्ता ने कहा, “नई रेल सेवाओं के अलावा, इस (कश्मीर) लाइन के खुलने से घाटी में रेल पटरियों के रखरखाव की क्षमता में भी बुनियादी बदलाव आया है. इस रेलवे लिंक के कारण कश्मीर में ट्रैक रखरखाव मशीनों की आवाजाही संभव हो पाई है.” उन्होंने कहा कि पहले मैन्युअल रखरखाव के विपरीत, अब रखरखाव आधुनिक मशीनों से किया जा रहा है. इससे पटरियों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है. कश्मीर में पटरियों के रखरखाव की गतिविधियों को मजबूत करने के लिए, जून की शुरुआत से एक टैम्पिंग मशीन तैनात की गई है, जो पटरियों के उचित अलाइनमेंट और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पटरियों के नीचे पत्थर के टुकड़ों को भरती है. उन्होंने कहा कि अब तक घाटी में लगभग 88 किलोमीटर पटरियों की टैम्पिंग की जा चुकी है. इससे गिट्टी की गद्दी बेहतर हुई है और यात्रा सुगम होगी.
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