The Bengal Files: अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है, क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी दे दी थी.
The Bengal Files: कोलकाता पुलिस ने शनिवार को 1946 के कलकत्ता दंगों पर आधारित ‘द बंगाल फाइल्स’ (The Bengal Files) के ट्रेलर लॉन्च को रोक दिया. निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ( Vivek Agnihotri) ने कहा कि फिल्म का ट्रेलर दोपहर में महानगर के एक पांच सितारा होटल में दिखाया जाना था. अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि यह लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है, क्योंकि सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी दे दी थी और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था. उन्होंने कहा कि अगर होटल के अधिकारी स्क्रीनिंग रोकना चाहते थे, तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की अनुमति क्यों दी? ट्रेलर दिखाए बिना फिल्म की प्रेस कॉन्फ्रेंस कैसे आयोजित की जा सकती है? निर्देशक ने दावा किया कि जब ट्रेलर थोड़ी देर बाद फिर से दिखाया गया, तो अचानक पांच-छह कोलकाता पुलिस अधिकारी बैंक्वेट हॉल में घुस आए जहां कार्यक्रम हो रहा था और स्क्रीनिंग को बीच में ही रोक दिया.

सत्तारूढ़ पार्टी पर स्क्रीनिंग रोकने का आरोप
अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर स्क्रीनिंग रोक दी गई और उनकी पार्टी के नेताओं ने होटल प्रबंधन को ट्रेलर को बीच में ही रोकने की धमकी भी दी. पत्रकारों को संबोधित करते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि ‘द बंगाल फाइल्स’, जो तथ्यों पर आधारित है और सेंसर की बाधा पार कर चुकी है, को बंगाल में प्रशासन के शीर्ष पर बैठे व्यक्ति द्वारा स्क्रीनिंग से रोका जा रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या उनका मतलब बनर्जी से था, उन्होंने कहा कि हां, आप सही हैं. ट्रेलर अब पूरे देश में देखा जा रहा है, लेकिन चूंकि यह बंगाल पर आधारित है, इसलिए हम इसे यहीं लॉन्च करना चाहते थे. वे नहीं चाहते कि 1946 में बंगाली हिंदुओं पर हुए अत्याचार और गोपाल मुखर्जी जैसे लोगों के संघर्ष को सिनेमा में दिखाया जाए. अगर यह इतिहास का हिस्सा है, तो क्या आप इतिहास बदलना चाहते हैं? उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इस तरह के कदम के पीछे केवल एक ही कारण हो सकता है, बंगाल को फिर से विभाजित करने की साजिश को नजरअंदाज करना.
देशभर में 5 सितंबर को रिलीज होगी फिल्म
कहा कि ‘द बंगाल फाइल्स’ 1946 के दशक में अविभाजित बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर आधारित है. फिल्म 5 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. फिल्म के निर्माता अभिषेक अग्रवाल ने बाद में पीटीआई को बताया कि कोई भी ताकत हमें 5 सितंबर को फिल्म रिलीज करने से नहीं रोक सकती. उन्होंने कहा कि हम कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं. ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में कोई कानूनी अड़चन नहीं थी. आज के घटनाक्रम के बाद हम जल्द ही अदालत का रुख करेंगे. ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में राज्य भाजपा नेता शंकुदेव पांडा और शिशिर बाजोरिया भी मौजूद थे. इस बीच, घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने आश्चर्य जताया कि अग्निहोत्री 2000 के गुजरात दंगों पर फिल्म क्यों नहीं बना रहे हैं. क्या वह आरएसएस-भाजपा के लिए काम कर रहे हैं? पुलिस और होटल अधिकारियों की कार्रवाई के बारे में मैं कह सकता हूं कि यह पूरी तरह से एक प्रशासनिक निर्णय था.
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