Home Top News ढाका वार्ता में BSF-BGB के बीच सीमा पार घुसपैठ का उठा मुद्दा, घुसपैठिए भेजे जा रहे बांग्लादेश

ढाका वार्ता में BSF-BGB के बीच सीमा पार घुसपैठ का उठा मुद्दा, घुसपैठिए भेजे जा रहे बांग्लादेश

by Sanjay Kumar Srivastava
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DG BSF Daljit Singh Chaudhary

BSF-BGB talks: BSF के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने बताया कि इस साल के पहले छह महीनों में घुसपैठियों द्वारा इस्तेमाल किए गए धारदार हथियारों से 35 बीएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं.

BSF-BGB talks: भारत ने गुरुवार को कहा कि केवल अवैध घुसपैठियों को ही बांग्लादेश में भेजा जा रहा है. यह बात दोनों देशों के सीमा बलों के प्रमुखों के बीच ढाका में द्विवार्षिक वार्ता के समापन के बाद कही गई.सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के प्रमुख मेजर जनरल मोहम्मद अशरफज्जमां सिद्दीकी के साथ यहां बीजीबी के पिलखाना मुख्यालय में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत से बांग्लादेश में लोगों की घुसपैठ उचित प्रक्रियाओं के अनुरूप की जा रही है. उन्होंने कहा कि केवल अवैध घुसपैठियों को बांग्लादेश में धकेला जा रहा है. चौधरी ने कहा कि अब तक 550 लोगों को बीजीबी को सौंपा गया है और भारत में बांग्लादेश उच्चायोग की सहायता से 2,400 मामलों का सत्यापन किया गया है.

घुसपैठियों के हमले से 35 गंभीर घायल

BSF प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा कि सीमा कानून के उल्लंघन के मामलों में, हमारे दोनों देशों के बीच एक सुस्थापित, कानूनी प्रत्यावर्तन चैनल है जिसके माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती है. बीजीबी पक्ष ने बांग्लादेश की राजधानी में दोनों सीमा बलों के बीच 56वें ​​महानिदेशक स्तरीय सम्मेलन में यह मुद्दा उठाया था. हालांकि बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि उनके जवान घातक हथियारों का इस्तेमाल केवल अंतिम विकल्प के रूप में करते हैं जब उनकी जान को खतरा होता है. उन्होंने बताया कि इस साल के पहले छह महीनों में, घुसपैठियों द्वारा इस्तेमाल किए गए धारदार हथियारों से 35 बीएसएफ जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवान पहले चेतावनी देते हैं, फिर बाधा डालते हैं और अंतिम चरण में ही गोली चलाते हैं. यह मुद्दा लंबे समय तक द्विपक्षीय संबंधों में एक बड़ा अड़चन बना रहा.

आतंकवादी गतिविधियों को रोकने पर बल

अपनी वार्ता के दौरान दोनों पक्ष संयुक्त जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने, संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास पहल शुरू करने, सीमा सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और अपराधियों को अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने से रोकने पर सहमत हुए. इन पहलों का उद्देश्य हमलों, दुर्व्यवहार और हत्याओं की घटनाओं को शून्य तक लाना था. दोनों पक्षों ने सशस्त्र विद्रोहियों और आतंकवादी गतिविधियों के प्रति शून्य सहनशीलता दोहराई, मुहुरिर चार में स्थायी सीमा स्तंभों और सीमावर्ती नदियों के सीमांकन की आवश्यकता पर बल दिया और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन से बचने के लिए जानकारी साझा करने पर सहमति व्यक्त की. वार्ता को दौरान अधिकारियों ने कहा कि दोनों पक्ष अपने-अपने मीडिया को भ्रामक रिपोर्ट न फैलाने की सलाह देने पर भी सहमत हुए, जिससे सीमा पर तनाव पैदा हो सकता है. चार दिवसीय वार्ता के दौरान सिद्दीकी ने 21 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जबकि बीएसएफ महानिदेशक चौधरी ने 11 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.

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