Amit Shah News : सीबीआई ने एक सम्मेलन आयोजित किया गया और इसमें गृह मंत्री शाह ने भी भागीदारी की. उन्होंने आग्रह किया कि हर राज्य को विदेश में भागने वाले भगोड़ों के लिए एक विशेष जेल बनवाए.
Amit Shah News : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने प्रत्येक राज्य में भगोड़ों पर नकेल कसने के लिए एक विशेष जेल बनाने का सुझाव दिया. साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय मानकों को भी पूरा करता हुआ दिखाई दे. साथ ही उन्होंने सीमाओं के पार उनकी आवाजाही को रोकने के लिए इंटरपोल रेड नोटिस का सामना कर रहे भगोड़ों के पासपोर्ट रद्द करने का भी सुझाव दिया. वहीं, विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी समेत कई भगोड़ों ने विदेशी अदालतों में अपने प्रत्यर्पण का विरोध करने के लिए भारतीय जेलों की खराब स्थिति का मुद्दा उठाया है. CBI की तरफ से आयोजित भगोड़ों का प्रत्यर्पण- चुनौतियों और रणनीतियां विषय पर एक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि जब तक हम विदेशों में पड़े भगोड़ों में कानून का डर पैदा नहीं करेंगे तब तक देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकते.
338 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित
अमित शाह ने फाइनेंशियल क्राइम्स, टेररिज्म और नार्कोटिक्स की तस्करी समेत अन्य मामलों में भगोड़ों को वापस लाने के लिए भारत के पास विभिन्न देशों के पास 338 प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं. शाह ने आगे कहा कि भगोड़ों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी होने पर उनके पासपोर्ट को रेड फ्लैग किया जा सकता है. साथ ही भगोड़े की अंतरराष्ट्रीय यात्रा को रोकने के लिए पासपोर्ट रद्द कर दिया जाना चाहिए. अगर हम इस प्रावधान को सिस्टम में शामिल कर सकें, तो भगोड़ों को वापस लाने में काफी मदद मिलेगी. साथ ही राज्य पुलिस प्रमुखों को कार्रवाई योग्य परिणामों पर अपने सुझाव को देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि भगोड़ों पर एक वैज्ञानिक डेटाबेस विकसित किया जाना चाहिए और सभी राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए, जिसमें अपराधियों द्वारा किए गए अपराध के प्रकार, वर्तमान स्थान, देश में नेटवर्क और प्रत्यावर्तन प्रयासों की स्थिति शामिल होना चाहिए.
हर एक राजधानी में बने स्पेशल जेल
इसके अलावा शाह ने प्रत्येक राज्य में भगोड़ों के लिए एक विशेष जले बनाने का भी आग्रह किया और उसके लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा किया जाए. इसका सीधा उद्देश्य यह है कि विदेशी अदालतों में भगोड़ों के इस तर्क का जवाब दिया जा सके कि भारत में कैद होने पर उनके मानवाधिकारों को उल्लंघन होगा, क्योंकि यहां पर बनी जेल अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं करती हैं. उन्होंने कहा कि इससे मैं सहमत नहीं हूं, लेकिन अगर वह लोग इस तरह का बहाना बनाकर बचने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्होंने यह मौका बिल्कुल नहीं देना है. हर राज्य की राजधानी में एक ऐसा जेल बनाया जाए जिसको अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतराया जा सके.
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