Jammu-Kashmir News : जम्मू-कश्मीर में बीजेपी नेता ने अपनी पार्टी पर निशाना साधा है और कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनका राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल किया.
Jammu-Kashmir News : जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के नेता जहांजैब सिरवाल (Jahanzeb Sirwal) ने कश्मीर पंडितों के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी को घेरने का काम किया. उन्होंने कहा कि BJP ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों का राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस्तेमाल किया. असंतुष्ट BJP नेता सिरवाल ने रविवार को पार्टी नेतृत्व से समुदाय के साथ लंबे समय से चल रहे अन्याय को दूर करने के लिए सार्थक कदम उठाने का आह्वान किया. BJP नेतृत्व ने राजनीतिक लाभ के लिए संसद में उनकी पीड़ा का 500 बार जिक्र किया है और हर राजनीतिक विरोधी के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. बता दें कि पिछले साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़ने के बाद सिरवाल बीजेपी में शामिल हुए थे.
कश्मीरी पंडितों को देनी चाहिए प्राथमिकता
जहांजैब सिरवाल ने कहा कि मैं पार्टी नेतृत्व से लंबे समय से चल रहे अन्याय को दूर करने के लिए निर्णायक और सार्थक कदम उठाने का आह्वान करता हूं. साथ ही वह सांकेतिक संसदीय बहसों में बार-बार जिक्र से कहीं ज्यादा के हकदार हैं. इससे पहले उन्होंने 3 अक्टूबर को सिरवाल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की मुसलमानों के खिलाफ अस्वीकार्य टिप्पणियों और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति राज्य पुलिस के प्रतिशोधी रवैये का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा देने की धमकी दी थी. BJP नेता ने कहा कि नेतृत्व को ऐसी नीतियों को प्राथमिकता देना चाहिए जो कश्मीरी पंडितों की उनकी मातृभूमि में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें.
पीएम और गृह मंत्री ने नहीं किया शिविरों का दौरा
सिरवाल ने अपने बयान में कहा कि कश्मीरी पंडित ठोस कार्रवाई के हकदार हैं, जिसकी शुरुआत वरिष्ठ नेताओं द्वारा उनके शिविरों का दौरा करके उनके संघर्षों को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए की जानी चाहिए और उनके समुदाय के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह समुदाय की दुर्दशा पर ध्यान देने के लिए बाध्य महसूस करता है और यह गंभीर चिंता का विषय है. सिरवाल ने यही कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री या गृह मंत्री समेत शीर्ष नेतृत्व ने एक बार भी उनके शिविरों का दौरा नहीं किया और उनकी दयनीय स्थिति को नहीं देखा. सिरवाल ने कहा कि उनके शिविरों की स्थिति जहां उचित आवास, स्वास्थय और आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर भी पूरी तैयार से ध्यान नहीं दिया गया. बता दें कि कश्मीरी पंडित तीन दशकों से भी अधिक समय से जारी मानवीय संकट का समाधान करने में विफलता हासिल की है.
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