SIR Issue : चुनाव आयोग ने अब एलान कर दिया है कि वह बिहार के बाद दूसरे चरण में 12 राज्यों में एसआईआर करवाने वाला है. इसी बीच कांग्रेस ने एक बार फिर इलेक्शन कमीशन को सवालों के घेरे में ले लिया है.
SIR Issue : इलेक्शन कमीशन ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पूरे देश में धीरे-धीरे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) करवाएंगे. इसी कड़ी में 4 नवंबर से 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इसी बीच कांग्रेस इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है और सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग की मंशा और विश्वसनीयता संदेह के घेरे में हैं क्योंकि न तो मतदाता और न ही विपक्ष इससे संतुष्ट है. कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने एक वीडियो संदेश में कहा कि बिहार में अब तक किए गए SIR से संबंधित सवालों के जवाब हमें अभी तक नहीं मिले हैं. स्थिति ऐसी थी कि बिहार में SIR को सुधारने के लिए सुप्रीम कोर्ट को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा है.
चुनाव आयोग पर BJP का प्रभाव
पवन खेड़ा ने कहा कि बिहार में SIR होने के बाद पता चल गया है कि बीजेपी ने चुनाव आयोग को अपना कठपुतली बना दिया है. उन्होंने कहा कि जब SIR किया जाता है तो चुनाव आयोग के कर्मचारी घर-घर जाते हैं, नए मतदाताओं को जोड़ते हैं और जिन्हें हटाने की जरूरत होती है. लेकिन बिहार में एक भी मतदाता का नाम नहीं जोड़ा गया, जबकि SIR प्रक्रिया के तहत 65 लाख वोट हटा दिए, जो कई सवाल खड़े करता है. उन्होंने कहा कि अब इलेक्शन कमीशन इस प्रक्रिया को 12 राज्यों में दोहराने वाला है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र में राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी का खुलासा किए जाने के बाद एसआईटी ने कहा है कि मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए एक केंद्रीकृत अभियान चलाया जा रहा है.
दूसरे चरण में 12 राज्यों में होगा SIR
कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक में SIT जांच कराने के बाद हमें इसकी विस्तृत जानकारी मिलेगी. खेड़ा ने वीडियो संदेश में आरोप लगाया इन सबके के बीच ऐसे चुनाव आयोग द्वारा SIR करवाना, जिसकी विश्वसनीयता और नीयत संदेह के घेरे में है उससे ऐसे कार्य सही नहीं लगते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को घोषणा की कि चुनाव आयोग 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर का दूसरा चरण आयोजित करेगा. इन राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल है. इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में साल 2026 में चुनाव होंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि असम में भी अगले साल चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वहां पर मतदाता सूची में एसआईआर अलग से की जाएगी.
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