Indira Gandhi’s Death Anniversary : इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर खरगे समेत तमाम कांग्रेसियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान राहुल ने कहा कि वह शक्तिशाली लोगों का सामना करते हुए निडर और अडिग रहीं.
Indira Gandhi’s Death Anniversary : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 41वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेसजनों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह शक्तिशाली लोगों का सामना करते हुए निडर और अडिग रहीं और उन्होंने हमको सिखाया कि भारत के सम्मान से बढ़कर कुछ नहीं है. पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने यहां शक्ति स्थल पर इंदिरा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की. वहीं, खरगे ने एक्स हैंडल पर लिखा कि साहस की प्रतिमूर्ति, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और हमारी आदर्श इंदिरा गांधी को उनके बलिदान दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि.
राष्ट्र की रक्षा में जीवन न्योछावर किया
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कुशल नेतृत्व और दूरदर्शिता के माध्यम से उन्होंने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए एक प्रगतिशील भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एक दूसरी पोस्ट में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि लाखों भारतीय ‘भारत की लौह महिला’ इंदिरा गांधी के जीवन से सदैव प्रेरणा प्राप्त करेंगे, जो लचीलेपन, साहस और दूरदर्शी नेतृत्व की प्रतीक थीं. उन्होंने आगे कहा कि भारत की प्रगति और एकता के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता हमारे दिलों और दिमागों में बसी है. उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अखंडता और भावना की रक्षा करते हुए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया.
हाथी पर सवार होकर गईं बेलछी गांव
वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि भारत की इंदिरा निडर, दृढ़निश्चयी और ताकतवरों का सामना करते हुए अडिग. उन्होंने आगे कहा कि दादी, आपने हमें सिखाया कि भारत की पहचान और स्वाभिमान से बढ़कर कुछ भी नहीं है. आपका साहस, करुणा और देशभक्ति मुझे मेरे हर कदम पर प्रेरित करती रहेगी. इसके अलावा कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि साल 1977 में इंदिरा गांधी ने पहले कार, जीप और ट्रैक्टर से यात्री का और फिर हाथी पर सवार होकर बिहार के बेलछी तक जातिगत अत्याचारों से तबाह परिवारों तक असाधारण और सहज पहुंच बनाई. कांग्रेस महासचिव ने जोर देकर कहा कि इंदिरा असाधारण धैर्य, साहस, दृढ़ता और लचीलेपन की धनी थीं. इसके अलावा रमेश ने बताया कि बेलछी गांव की अपनी यात्रा के एक दिन बाद पटना में उनकी मुलाकात अपने कट्टर राजनीतिक अपने कट्टर राजनीतिक आलोचक और विरोधी जयप्रकाश नारायण से हुई थी.
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