Blast at JK Police Station: जम्मू-कश्मीर के नौगाम थाने में बीती रात जबरदस्त धमाका हुआ. इस धमाके में 8 लोगों की जानें गईं और कई घायल हुए.
15 November, 2025
Blast at JK Police Station: श्रीनगर में शुक्रवार देर रात एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे शहर को हिला दिया. नौगाम पुलिस स्टेशन में जब्त किए गए विस्फोटकों की जांच के समय अचानक बड़ा धमाका हो गया. इस दुर्घटना में 9 लोगों की मौत हो गई और 27 घायल हुए. इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी और फोरेंसिक टीम के मैंबर थे. अधिकारियों के मुताबिक, ये टेस्ट उस विस्फोटक सामग्री का हिस्सा था जिसे हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद किया गया था.
जांच करते हुए हादसा
दरअसल, ये वही 360 किलोग्राम विस्फोटक थे जो, फरीदाबाद में एक किराए के मकान से जब्त किए गए थे. यहां से गिरफ्तार डॉक्टर मुझेम्मिल गनई का संबंध बताया जा रहा है. जांच के लिए सामग्री के नमूने निकाले जा रहे थे, तभी ये बड़ा हादसा हुआ. धमाका इतना बड़ा था कि रात का सन्नाटा पलभर में टूट गया. पुलिस स्टेशन का बड़ा हिस्सा डैमेज हो गया. एक के बाद एक आती छोटी-छोटी आवाज़ों ने बचाव कार्य को तुरंत शुरू होने से रोक दिया. बम डिस्पोज़ल टीम को भी मौके तक पहुंचने में टाइम लगा.
शवों की पहचान
घायलों में 24 पुलिसकर्मी और 3 आम नागरिक शामिल हैं, जिन्हें श्रीनगर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. मृतकों के शव पुलिस कंट्रोल रूम श्रीनगर भेज दिए गए हैं, जहां उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है. दरअसल, ये पूरी कहानी उस ‘व्हाइट-कॉलर’ टेरर मॉड्यूल से शुरू हुई, जिसका खुलासा तब हुआ जब अक्टूबर में नौगाम में पुलिस और सुरक्षा बलों को धमकाने वाले पोस्टर अचानक दीवारों पर दिखने लगे. पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया और 19 अक्टूबर को केस दर्ज कर एक स्पेशल टीम बनाई.
यह भी पढ़ेंः मध्य प्रदेश में भीषण हादसाः बैरियर तोड़ते हुए खाई में गिरी कार, पांच की मौत, चालक को आ गई थी झपकी
पोस्टर पर बवाल
CCTV फुटेज की फ्रेम-बाई-फ्रेम जांच ने जांच को तीन मुख्य आरोपियों तक पहुंचाया- आरिफ निसार उर्फ साहिल, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद उर्फ शाहिद. इन तीनों को पोस्टर लगाते हुए देखा गया था. इसके बाद पूछताछ में खुलासा हुआ कि पोस्टर एक एक्स पैरामेडिक से इमाम बने मौलवी इरफान अहमद ने दिए थे. इसी दौरान मामले की कड़ियां फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी तक जा पहुंचीं, जहां से डॉक्टर मुझेम्मिल गनई और डॉक्टर शाहीन सईद को गिरफ्तार किया गया. वहीं से भारी मात्रा में विस्फोटक रसायन मिले. जांच में सामने आया कि ये पूरा मॉड्यूल तीन डॉक्टरों के इर्द-गिर्द चल रहा था- डॉ. मुझेम्मिल गनई (गिरफ्तार), उमर नबी (लाल किले के पास 10 नवंबर को विस्फोट वाली कार का ड्राइवर) और डॉ. मुज़फ्फर राथर (फरार).
आतंकी नेटवर्क
इसके अलावा, जांच टीम ये भी पता लगाने में जुटी है कि डॉ. अदील राथर, जिनके पास से एक AK-56 बरामद हुई थी, इस मॉड्यूल में किस हद तक शामिल था. वैसे, नौगाम थाने का ये हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक बड़े आतंकी नेटवर्क की गहराई को उजागर करने वाला पल भी है. फिलहाल जांच जारी है और पुलिस हर कड़ी को बड़ी सावधानी से जोड़ रही है.
यह भी पढ़ेंः ‘दिल्ली विस्फोट के दोषियों को मिलेगी कड़ी सजा’, अमित शाह बोले- दोबारा नहीं करेंगे ऐसी हिम्मत
