Uttarakhand Utsav : उत्तराखंड की उम्र 25 साल हो गई है और इस मौके पर राज्य भर में उत्सव मनाया गया. इसी कड़ी में लाइव टाइम्स ने सीएम धामी के साथ एक इंटरव्यू किया, जिसमें उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया.
Uttarakhand Utsav : उत्तराखंड 25 साल का हो गया है और पूरे राज्य में उत्सव का माहौल बना हुआ है. राज्य के विभिन्न स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और इस मौके पर सरकार ने भी लोगों के संघर्षों को याद किया, जिन्होंने उत्तराखंड को बनाने के लिए संघर्ष किया था. इसी खास मौके पर Live Times के CEO दिलीप सिंह ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया है. विस्तार से आप नीचे पढ़ें कि उत्तराखंड के विकास को लेकर सीएम धामी क्या बोले और उन्होंने एक-एक सवाल का जवाब किस बेबाकी से दिया.
लाइव टाइम्स के CEO दिलीप सिंह : राज्य के निर्माण में संघर्ष, बलिदान और उम्मीद की कहानी है, ऐसे में आप भी एक युवा मुख्यमंत्री हैं… तो आप इस यात्रा को कैसे देखते हैं?
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड का विचार काफी पहले से चला आ रहा था. साथ ही यहां की भौगोलिक परिस्थितियां, सीमांत क्षेत्र और अनेक चुनौतियां मौजूद थीं. वह सब इस राज्य निर्माण के पीछे रहा. साथ ही यहां कि महिलाओं, युवाओं और आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान दिया, जिसके बाद राज्य का निर्माण हुआ. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में राज्य की स्थापना का जो सपना था वह साकार हो पाया. साथ ही उन्होंने राज्य के निर्माण होने के बाद विशेष औद्योगिक पैकेज दिया, जिससे राज्य अपनी समृद्धि को आगे बढ़ा सके. साथ ही यह पैकेज 10 सालों के लिए था जो बीच में यूपीए सरकार ने बंद कर दिया था. वहीं, 2024 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्य के विकास के लिए नए आयाम तेजी से आगे बढ़ने लगे.
दिलीप सिंह : 2014 के बाद से राज्य के विकास में किस तरह का बदलाव आए?
मुख्यमंत्री धामी : बीते 11 साल अभूतपूर्व है. इसमें मुख्य रूप से भारत मामला श्रृंखला रोड है, रोपवे परियोजना, स्वास्थ्य सेवाएं, एम्स का संचालन, पेयजल की अनेक योजनाएं साथ ही लंबे से जिन योजनाओं को स्वीकृति नहीं मिल रही थी उन्हें भी तेजी से पास किया जाने लगा. इसके अलावा देहरादून में सोनबांध, जिसकी स्वीकृति को 50 साल हो गए थे उसको भी पूरा किया गया और अब वहां पर पेयजल की आपूर्ति बराबर बनी रहेगी. जलविद्युत का लखवाड़ डैम भी बीते 40-50 साल की स्वीकृति की राह देख रहा था. साथ ही सीमांत क्षेत्रों में हमारी हवाई यात्रा की शुरुआत हो गई और देहरादून एयरपोर्ट इस वक्त भारी संख्या में लोगों को सेवा देने का काम कर रहा है.
इसी कड़ी में पिथौरागढ़ से भी दिल्ली के लिए उड़ान शुरू हुई है, पंथनगर का हवाई अड्डा में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार किया जा रहा है. हवाई यात्रा के अलावा सड़कों का जाल भी एक कोने से दूसरे कोने तक बना है. उन्होंने आगे कहा कि केदरनाथ और बद्रीनाथ समेत 48 मंदिरों को चिह्नित किया गया है कि विकास की तरफ बढ़ाया जा रहा है. शीतकालिन यात्रा भी शुरू की गई है और इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी स्वयं शामिल हुए थे. मां गंगा का मुख हर्षिल के पास उन्होंने इस यात्रा में भाग लिया था. सीएम धामी ने कहा कि भारत का, जिसको अंतिम गांव कहा जाता था ‘माणा गांव’ का प्रधानमंत्री ने भ्रमण किया. आदि कैलाश में जाने वाले पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. रोजगार और स्वरोजगार के साधनों की संख्या बढ़ी है.
दिलीप सिंह : जब से आपने मुख्यमंत्री पद ग्रहण किया है, उसके बाद से कौन-कौन से ऐसे फैसले लिए हैं जिनका सकारात्मक सीधा प्रभाव देखने को मिला?
मुख्यमंत्री धामी : युवाओं के संकल्पों को लेकर हम आगे बढ़ें, नियुक्तियों को पारदर्शिता तरीके से कराया गया. गरीब माता-पिता के बेटे-बेटियों को नौकरियां दी गईं, राज्य में सिफारिश के आधार पर नौकरियां बंद कर दी गईं. उन्होंने कहा कि इन सबके अलावा हमारा बड़ा संकल्प यह भी था कि पांच साल में सरकार बदलने वाले राज्य में एक नया इतिहास बनाया गया कि उत्तराखंड में साल 2022 में दोबारा BJP को चुना गया और सरकार बनाई गई. साथ ही हमने जनता के सामने जितने भी संकल्प लेकर उन्हें व्यवहारिक तरीके से पूरा किया गया. मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि हमने जनता समान नागरिकता कानून लाने का वचन दिया था और हमने इसको पूरा भी किया. इसके साथ ही उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां पर आजादी के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू किया गया.
सीएम धामी ने कहा कि हमने धर्मांतरण विरोधी कानून भी हमने बनाया है, क्योंकि देवभूमि की डेमोग्राफी को खराब नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा दंगे को नियंत्रित करने के लिए दंगा निरोधी कानून भी बनाया है. दंगे करने वाले लोगों के लिए देवभूमि में एक इंच भी जगह नहीं है. साथ ही दंगे के दौरान सरकारी और प्राइवेट संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों से ही बरपाई की जाएगी.
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