Home Top News ‘भारतीयों में एकता की कमी पर गांधी का नजरिया…’ हिंद स्वराज को लेकर बोले RSS प्रमुख भागवत

‘भारतीयों में एकता की कमी पर गांधी का नजरिया…’ हिंद स्वराज को लेकर बोले RSS प्रमुख भागवत

by Sachin Kumar
0 comment
Gandhi observation Indians lacking unity British RSS chief

RSS News : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि महात्मा गांधी का यह कहना कि ब्रिटिश राज से पहले भारतीयों में एकता नहीं थी, कॉलोनियल शिक्षा से बनी एक झठी कहानी है.

RSS News : नागपुर में नेशनल बुक फेस्टिवल के कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का यह कहना कि ब्रिटिश राज से पहले भारतीयों में एकता नहीं थी, कॉलोनियल शिक्षा से बनी एक झूठी कहानी है. भागवत ने आगे कहा कि गांधी ने अपनी किताब हिंद स्वराज में लिखा था कि ब्रिटिश आने से पहले हम एक नहीं थे, लेकिन यह उनकी सिखाई हुई एक झूठी कहानी है. बता दें कि हिंद स्वराज महात्मा गांधी ने 1908 में गुजराती में लिखी और 1909 में इंग्लिश में ट्रांसलेट की. इस किताब में 20 अध्याय हैं और यह एक रीडर और एडिटर के बीच हुई बातचीत के रूप में लिखी की गई है.

वेस्टर्न सोच से काफी अलग : भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत का राष्ट्र की अवधारणा काफी पुरानी और ऑर्गेनिक है. यह वेस्टर्न सोच से काफी अलग है. उन्होंने यह भी कहा कि हमारी किसी से बहस नहीं होती है और हम झगड़ों से भी काफी दूर रहते हैं. झगड़ा करना हमारी सोच से बिल्कुल अलग है, हमारी सोच साथ में रहना और भाईचारा को आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि एक बार कोई राय बन जाने के बाद उस सोच के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं होता है. उन्होंने कहा कि वे दूसरे विचारों के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं और उसे इज्म कहना शुरू कर देते हैं. भागवत ने आगे कहा कि हम नेशनलिटी शब्द का इस्तेमाल करते हैं, नेशनलिज्म का नहीं. उन्होंने कहा कि देश भर को जरूरत से ज्यादा गर्व करने पर दो विश्व युद्ध हुए और यही वजह है कि लोग नेशनलिज्म शब्द से काफी डरते हैं.

भारत का राष्ट्रवाद घमंड से नहीं, लोगों के जुड़ाव से

उन्होंने आगे कहा कि अगर पश्चिम कॉन्टेक्स्ट में समझी जाने वाली राष्ट्र की अवधारणा पर गौर करें तो इसमें आम तौर पर नेशन स्टेट होता है, जिसमें एक केंद्र सरकार उसके इलाके को मैनेज करती है. हालांकि, भागवत ने कहा कि भारत हमेशा से ही एक राष्ट्र रहा है और अलग-अलग शासन के साथ ब्रिटिश हुकूमत के दौरान भी रहा. उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रवाद घमंड से नहीं बल्कि लोगों के गहरे जुड़ाव और प्रकृति में बसने कारण हुआ है. उन्होंने यह भी कहा कि हम सब भाई है, क्योंकि हम सब भारत माता की संतान हैं. धर्म, भाषा, खाने-पीने की आदतें, परंपराएं या राज्य जैसा कोई दूसरा इंसान से बनाया हुआ नहीं है. हमारे बीच में विविधता होने के बाद भी हम एक साथ रहते हैं क्योंकि हमारी मातृभूमि की संस्कृति एक है.

यह भी पढ़ें- नागपुर में बोले मोहन भागवत- विवादों से दूर रहना भारत की परंपरा, सद्भाव ही पहचान, भाईचारे पर जोर

You may also like

LT logo

Feature Posts

Newsletter

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?