NDA Topper Deepak Kandpal: टैक्सी ड्राइवर के बेटे दीपक कांडपाल को NDA की 149वीं पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. जानें उनकी संघर्ष की कहानी
1 December, 2025
NDA Topper Deepak Kandpal: उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ के रहने वाले दीपक कांडपाल ने यह साबित कर दिया है कि दिल और दिमाग में आसमान छूने का जुनून हो तो गरीबी समेत सारी मुश्किलें घुटने टेक देती हैं. एक साधारण परिवार में जन्मे दीपक का सफर संघर्षों से शुरू हुआ और अब सम्मान और शान पर पहुंच गया है. टैक्सी ड्राइवर के बेटे दीपक कांडपाल को NDA की 149वीं पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. चलिए जानते हैं दीपक कांडपाल कौन हैं और NDA में शामिल होने से पहले किन परिस्थितियों में मेहनत की.
किराए के कमरे में रहता है परिवार
दीपक कांडपाल के पिता, जीवन चंद्र कांडपाल टैक्सी चलाते हैं और उनकी मां गीता कांडपाल एक होममेकर हैं. दीपक के पिता टैक्सी चलाकर जो कमाते हैं, उसी में परिवार का खर्च चलता है. पूरा परिवार बागेश्वर के गरुड़ शहर में एक किराए के कमरे में रहता है. इसी कमरे में रहकर दीपक ने 8वीं क्लास तक की पढ़ाई पूरी की. शुरू से ही उनका सपना NDA में शामिल होने का था और इसे पाने के लिए वे लगातार मेहनत करते रहे.
JNV से 12वीं, डिस्ट्रिक्ट टॉपर और DU से ग्रेजुएशन
दीपक ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गरुड़ के सेंट एडम्स पब्लिक स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने 9वीं से 12वीं तक जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) गागरीगूल से पढ़ाई की और 12वीं में डिस्ट्रिक्ट टॉप किया. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चले गए और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इस दौरान उन्होंने NDA की तैयारी की और 2022 में NDA में शामिल हुए. अपनी कड़ी मेहनत और लगन से आज दीपक NDA के बेस्ट कैडेट बन गए हैं.
NDA का सबसे बड़ा सम्मान है प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल
प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल NDA का सबसे बड़ा सम्मान है. दीपक को यह सम्मान चीफ ऑफ द नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने दिया. अपनी तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान, दीपक ने सभी एकेडमिक, फिजिकल और लीडरशिप टेस्ट में बहुत अच्छा किया, जिससे उन्हें यह सबसे बड़ा सम्मान मिला. राष्ट्रपति गोल्ड मेडल मिलने का पल उनके परिवार के लिए गौरव का पल था.
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