Rajya Sabha: कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को राज्यसभा में ‘संचार साथी’ मोबाइल एप्लीकेशन को लेकर चिंता जताई. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.
Rajya Sabha: कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बुधवार को राज्यसभा में ‘संचार साथी’ मोबाइल एप्लीकेशन को लेकर चिंता जताई. उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ‘संचार साथी’ प्रत्येक व्यक्ति की निजता के लिए खतरा है. इस मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस एप्लीकेशन के जरिए लोगों के भौगोलिक स्थान, रुकने की जगह, वित्तीय लेनदेन, एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से निगरानी रखी जा सकेगी. सुरजेवाला ने कहा कि भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत सभी मोबाइल फोन निर्माता और आयातक अनिवार्य रूप से संचार साथी ऐप अपलोड करने के लिए बाध्य हैं. यह भी निर्देश दिया गया है कि इस ऐप को हर मोबाइल फोन और स्मार्टफोन में डाला जाए. 28 नवंबर को जारी मंत्रालय के आदेश में सभी मोबाइल फोन निर्माताओं को भारत में बेचे जाने वाले सभी हैंडसेट के साथ-साथ मौजूदा उपकरणों में भी सॉफ्टवेयर अपडेट के ज़रिए संचार साथी ऐप पहले से इंस्टॉल करना अनिवार्य किया गया है.
मोबाइल फोन कंपनियों को मिला निर्देश
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सदन में कहा कि मोबाइल फोन कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया है कि पहले से इंस्टॉल संचार साथी एप्लीकेशन अंतिम उपयोगकर्ता को पहली बार इस्तेमाल या डिवाइस सेटअप के समय आसानी से दिखाई दे और सुलभ हो. सुरजेवाला ने कहा कि संचार साथी ऐप का प्री-इंस्टॉलेशन भारत के प्रत्येक स्मार्टफोन और सेल फोन उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का स्पष्ट उल्लंघन है. राजस्थान से राज्यसभा सदस्य ने कहा कि क्या यह प्रत्येक व्यक्ति की निजता के अधिकार को पूरी तरह से नकार नहीं देगा? कहा कि ‘संचार साथी’ के जरिए सरकार हर पत्रकार, हर विपक्षी नेता, हर असंतुष्ट पर निगरानी रख सकेगी. सुरजेवाला ने कहा कि मोबाइल फोन में रखे सभी पासवर्ड. जानकारी, बैंक खाता संख्या, प्रत्येक उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारियों का गलत इस्तेमाल हो सकता है. सरकार को इन सब बातों पर गौर करना चाहिए.
डेटा सुरक्षा पर उठाया सवाल
सुरजेवाला ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि सरकार द्वारा अनिवार्य किए जाने वाले सॉफ्टवेयर अपडेट से लाखों उपकरण असुरक्षित हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि यदि सरकार कोई अपडेट लागू करती है, लेकिन उदाहरण के तौर पर सैमसंग जैसी कंपनियां उसे तीन महीने तक जारी नहीं करतीं, तो उस ब्रांड के सभी फोनों के लंबे समय तक हैक होने का खतरा बना रहेगा. इससे उपयोगकर्ताओं का निजी डेटा पूरी तरह जोखिम में पड़ सकता है. सुरजेवाला ने सरकार से स्पष्ट करने की मांग की कि क्या उसके पास किसी गैर-नवीकरणीय एप्लिकेशन को अनिवार्य करने और जबरन सॉफ्टवेयर अपडेट लागू करने का कानूनी अधिकार है. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि सरकार बताए कि इस प्रक्रिया के लिए कौन-कौन से स्वतंत्र सुरक्षा ऑडिट किए जाएंगे, सुरक्षा उपाय क्या होंगे और इसका दुरुपयोग कैसे रोका जाएगा ताकि नागरिकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
ये भी पढ़ेंः राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकताः UP में रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों पर बड़ी कार्रवाई, तैयार हो रही सूची
