Rahul Gandhi News : राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने से पहले पक्ष और विपक्ष के बीच में तनातनी शुरू हो गई है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार विदेश मेहमानों को LoP से मिलने के मना करती है.
Rahul Gandhi News : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) गुरुवार को भारत पहुंचने वाले हैं और उससे पहले देश में अलग-अलग जगहों पर आम लोगों अपने दिल की गहराइयों से उनका स्वागत कर रहे हैं. इसके अलावा देश के नागरिक उनकी फोटो लगाकर आरती भी कर रहे हैं. इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार अपनी असुरक्षा के कारण विदेश से आने वाले मेहमानों से विपक्ष के नेता से मिलने के लिए मना करती है. गांधी की यह टिप्पणी रूस के राष्ट्रपति पुतिन के दो दिन के भारत दौरे से कुछ घंटे पहले आई है. लोकसभा में प्रतिपक्ष नेता ने कहा कि ये एक परंपरा रही है कि विदेश से आने वाले मेहमान एक मुलाकात LoP (प्रतिपक्ष नेता) से भी करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस नियम का पालन नहीं कर रही है.
विदेशी मेहमानों से मिलने के लिए मना किया
संसद परिसर में मौजूद रिपोर्ट से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि देश में एक परंपरा रही यह रही है कि विदेशी मेहमान जब हमारे देश में आते हैं तो वे LoP से मिलते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में भी यह परंपरा रही थी. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में हो ये रहा है कि जब विदेशी मेहमान आते हैं और जब मैं विदेश में जाता हूं तो सरकार उन्हें LoP से न मिलने का सुझाव देती है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यह अब केंद्र सरकार की पॉलिसी बन गई है और अब वे हर बार ऐसा करते हैं. साथ ही विदेशी मेहमान जब देश में आते हैं तो हमें पता चलता है कि उन्हें हमसे मिलने के लिए मना किया गया है.
केंद्र सरकार की इनसिक्योरिटी
LoP ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को एक अलग नजरिया दिया है. राहुल ने पुतिन का नाम लिए बिना कहा कि हम भी भारत को रिप्रेजेंट करते हैं, बस सरकार नहीं चाहती कि अपोजिशन लीडर्स से मिलें. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार के इशारे पर इस नियम को फॉरेन मिनिस्ट्री भी इस नियम को फॉलो नहीं करती है. जब उनसे पूछा गया कि केंद्र सरकार ऐसा क्यों कर रही है तो उन्होंने कहा कि यह सरकार की इनसिक्योरिटी है. राष्ट्रपति पुतिन आज शाम प्रधानमंत्री मोदी से एक समिट में बैठक करने के लिए भारत पहुंचेंगे. इस दौरान डिफेंस संबंधों को बढ़ाना, भारत-रूस ट्रेड को बाहरी दबाव से बचाना और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों में सहयोग की संभावनाओं को लेकर गंभीर चर्चा हो सकती है. इसके अलावा शुक्रवार को मोदी और पुतिन के बीच होने वाली मीटिंग का फोकस पश्चिमी देशों के करीबी नजर रहने की उम्मीद है.
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