11 Years of Modi Government: 2014 से 2025 तक मोदी सरकार के 11 वर्षों में भारत ने आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर कई ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज कीं, जिसने देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर को ही बदल कर रख दिया.
11 Years of Modi Government: मोदी सरकार के 11 वर्षों ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी, बल्कि भारत को वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भर, सक्षम और तेज़ी से उभरती शक्ति के रूप में स्थापित किया. यह सफर सिर्फ विकास का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और राष्ट्रनिर्माण का भी रहा. अब भारत रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. आइए जानतें हैं इन सालों में कैसे रचा गया इतिहास!
दुनिया की चौथी सबसे बड़ी इकोनॉमी बना भारत
2014 में जहां भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, वहीं 2025 में IMF के आंकड़ों के अनुसार यह चौथे स्थान पर पहुंच गया है. केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ती इकोनॉमी बन चुका है, जो वैश्विक मंच पर अब निर्णायक भूमिका निभा रहा है.
उद्योग, स्टार्टअप और मुद्रा लोन से बढ़ा आत्मनिर्भर भारत

मोदी सरकार के 11 वर्षों में उद्योगों को बहुत प्रोत्साहन मिला है. 1.6 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिला, 1.6 लाख से ज्यादा स्टार्टअप्स खड़े हुए और 52.5 करोड़ मुद्रा लोन बांटे गए. इन पहलों ने देश में स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा दिया, जिससे लाखों युवाओं को आजीविका के नए अवसर मिले.
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और निर्यात में जबरदस्त बढ़त
भारत अब रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है. ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के निर्यात से लेकर स्वदेशी उत्पादन तक, भारत ने बीते 11 सालों में अपनी रक्षा तैयारियों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. रक्षा निर्यात में 33 गुना की बढ़ोतरी मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है.
अंतरिक्ष में ऐतिहासिक उपलब्धि, स्पेस सेक्टर को मिला प्रोत्साहन
चंद्रयान-3 के जरिए भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रच दिया. वहीं निजी कंपनियों को स्पेस सेक्टर में प्रवेश देने से भारत की स्पेस इकोनॉमी को भी बड़ा बूस्ट मिला है. इससे न केवल वैज्ञानिक प्रगति हुई बल्कि रोजगार और निवेश के नए रास्ते भी खुले.
इन्फ्रास्ट्रक्चर में दिखी रफ्तार
मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान दिया. देश में एयरपोर्ट्स की संख्या 74 से बढ़कर 160 हो गई, 1300 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास हुआ और 136 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हुई. वहीं, नेशनल हाईवे की लंबाई 91,000 किलोमीटर से बढ़कर 1.46 लाख किलोमीटर तक पहुंच गई. 23 से ज्यादा शहरों में मेट्रो सेवा शुरू की गई और उड़ान योजना के तहत 1.51 लाख करोड़ लोगों ने सस्ती हवाई यात्रा का लाभ उठाया.
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