Aaj Ka Panchang: आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:19 बजे होगा. चंद्रमा आज शाम 6:45 बजे उदय होगा और अगले दिन, 11 जून को सुबह 4:55 बजे अस्त होगा.
Aaj Ka Panchang: हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 10 जून 2025, मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है, जो सुबह 11:35 बजे तक रहेगी. इसके पश्चात पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होगी. यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व रखता है. आज का पंचांग न केवल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि शुभ और अशुभ समय के बारे में भी जानकारी देता है, जो दैनिक कार्यों और विशेष आयोजनों की योजना बनाने में सहायक होता है. आइए, आज के पंचांग का विस्तृत विवरण देखें, जिसमें सूर्योदय, चंद्रोदय, नक्षत्र, योग, करण, राशि, ऋतु, और शुभ-अशुभ समय शामिल हैं.
सूर्य और चंद्र का समय
आज सूर्योदय सुबह 5:23 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:19 बजे होगा. चंद्रमा आज शाम 6:45 बजे उदय होगा और अगले दिन, 11 जून को सुबह 4:55 बजे अस्त होगा. दिन की अवधि 13 घंटे 56 मिनट होगी, जबकि रात्रि की अवधि 10 घंटे 3 मिनट 59 सेकंड होगी. मध्याह्न का समय दोपहर 12:21 बजे रहेगा. यह समय धार्मिक कार्यों और पूजा-अनुष्ठान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. सूर्योदय के साथ दिन की शुरुआत होती है, और यह समय ध्यान, योग, और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है. चंद्रमा का उदय और अस्त भी ज्योतिषीय गणनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि ये चंद्र राशि और नक्षत्र के प्रभाव को निर्धारित करते हैं.
तिथि, नक्षत्र और योग
आज की तिथि शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है, जो सुबह 11:35 बजे तक रहेगी. इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूर्णिमा व्रत और पूजा के लिए विशेष दिन माना जाता है. नक्षत्र की बात करें तो अनुराधा नक्षत्र शाम 6:02 बजे तक रहेगा, जिसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र प्रारंभ होगा. अनुराधा नक्षत्र का तीसरा चरण सुबह 11:26 बजे तक और चौथा चरण शाम 6:02 बजे तक प्रभावी रहेगा. इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र का पहला और दूसरा चरण क्रमशः प्रभावी होगा. योग के संदर्भ में, सिद्ध योग दोपहर 1:45 बजे तक रहेगा, जो कार्यों में सफलता और सिद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है. इसके बाद साध्य योग शुरू होगा. करण में वणिज सुबह 11:35 बजे तक रहेगा, और फिर विष्टि करण अगले दिन 11 जून को सुबह 12:27 बजे तक प्रभावी रहेगा. ये ज्योतिषीय संयोजन आज के दिन के महत्व को और बढ़ाते हैं, क्योंकि ये कार्यों की सफलता और समय के शुभ-अशुभ प्रभाव को निर्धारित करते हैं.
राशि और नक्षत्र
चंद्रमा आज वृश्चिक राशि में गोचर करेगा, जो तीव्र भावनाओं और गहन चिंतन का प्रतीक है. सूर्य वृषभ राशि में रहेगा, जो स्थिरता और भौतिक सुखों का प्रतीक मानी जाती है. सूर्य का नक्षत्र मृगशिरा होगा, जिसका पहला चरण आज प्रभावी रहेगा. मृगशिरा नक्षत्र जिज्ञासा और खोज की प्रवृत्ति को दर्शाता है. चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र में सुबह 11:26 बजे तक तीसरे चरण में और फिर शाम 6:02 बजे तक चौथे चरण में रहेगा. इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र का पहला और दूसरा चरण प्रभावी होगा. यह राशि और नक्षत्र संयोजन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विभिन्न कार्यों, जैसे विवाह, व्यापार शुरू करना, या धार्मिक अनुष्ठान, के लिए शुभ और अशुभ समय को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ऋतु और अयन
आज की द्रिक और वैदिक ऋतु ग्रीष्म है, जो भारत में गर्मी के मौसम को दर्शाती है. अयन उत्तरायण है, जो सूर्य के उत्तर दिशा में गति करने का प्रतीक है. उत्तरायण का समय धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है, क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा और नई शुरुआत का समय होता है. ग्रीष्म ऋतु में गर्मी के कारण लोग अपने कार्यों को सुबह और शाम के समय करने को प्राथमिकता देते हैं, जब मौसम अपेक्षाकृत ठंडा होता है.
शुभ समय
आज के शुभ मुहूर्तों में ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:02 बजे से 4:42 बजे तक है, जो ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है. प्रातः संध्या सुबह 4:22 बजे से 5:23 बजे तक, अभिजित मुहूर्त दोपहर 11:53 बजे से 12:49 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:40 बजे से 3:36 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 7:17 बजे से 7:38 बजे तक, सायाह्न संध्या शाम 7:19 बजे से 8:19 बजे तक, अमृत काल सुबह 6:32 बजे से 8:18 बजे तक, निशिता मुहूर्त रात 12:01 बजे से 12:41 बजे तक (11 जून), और रवि योग सुबह 5:23 बजे से शाम 6:02 बजे तक रहेगा. ये समय पूजा, विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं. विशेष रूप से अभिजित मुहूर्त और विजय मुहूर्त महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत के लिए आदर्श हैं.
अशुभ समय
आज के अशुभ समय में राहुकाल दोपहर 3:50 बजे से 5:34 बजे तक है, जिसे महत्वपूर्ण कार्यों के लिए टाला जाता है. यमगण्ड सुबह 8:52 बजे से 10:36 बजे तक, आडल योग शाम 6:02 बजे से अगले दिन सुबह 5:23 बजे तक, विडाल योग सुबह 5:23 बजे से शाम 6:02 बजे तक, गुलिक काल दोपहर 12:21 बजे से 2:05 बजे तक, दुर्मुहूर्त सुबह 8:10 बजे से 9:06 बजे तक और रात 11:20 बजे से 12:01 बजे तक (11 जून), वर्ज्य रात 12:08 बजे से 1:52 बजे तक (11 जून), गण्ड मूल शाम 6:02 बजे से अगले दिन सुबह 5:23 बजे तक, और भद्रा सुबह 11:35 बजे से रात 12:27 बजे तक (11 जून) रहेगी. इन समयों में नए कार्य शुरू करने या महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये समय ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रतिकूल माने जाते हैं.
अन्य ज्योतिषीय जानकारी
आज का बाण रोग है, जो रात 2:24 बजे (11 जून) से पूर्ण रात्रि तक रहेगा. आनंदादि योग में वज्र योग शाम 6:02 बजे तक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है, और इसके बाद मुद्गर योग प्रभावी होगा. तमिल योग में मरण योग पूरे दिन प्रभावी रहेगा. होमाहुति चंद्र को समर्पित है, और दिशा शूल उत्तर दिशा में है. उत्तर दिशा में यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है. जीवनम में पूर्ण जीवन और नेत्रम में दो नेत्र हैं, जो ज्योतिषीय गणनाओं में महत्वपूर्ण हैं.
संवत और चंद्र मास
आज विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, शक संवत 1947 विश्वावसु, और गुजराती संवत 2081 नल है. बृहस्पति संवत्सर कालयुक्त 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:07 बजे तक था, और अब सिद्धार्थी संवत्सर चल रहा है. चंद्र मास ज्येष्ठ है, जो पूर्णिमांत और अमांत दोनों में गणना की जाती है. प्रविष्टे/गते 27 है. ये सभी तथ्य धार्मिक और ज्योतिषीय गणनाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं और विभिन्न अनुष्ठानों के लिए समय निर्धारित करने में सहायता करते हैं.
यह पंचांग न केवल धार्मिक कार्यों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है, बल्कि दैनिक जीवन में कार्यों की योजना बनाने में भी सहायक है. ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी का यह दिन विशेष रूप से पूजा, व्रत, और आध्यात्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त है. शुभ मुहूर्तों का उपयोग करके व्यक्ति अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं, जबकि अशुभ समय से बचकर अनावश्यक बाधाओं को टाला जा सकता है.
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