Business Update: 20 रुपये के नए नोटों की घोषणा महज एक प्रशासनिक अद्यतन है, जिससे आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है. पुराने नोट पूरी तरह से वैध रहेंगे और बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल किए जा सकते हैं. यह बदलाव केवल गवर्नर के हस्ताक्षर के चलते किया जा रहा है, न कि नोट को अमान्य करने के उद्देश्य से.
Business Update: हाल ही में 20 रुपये के नए नोटों की घोषणा को लेकर आम जनता के बीच कुछ भ्रम की स्थिति देखी गई है, लेकिन यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि यह बदलाव पूरी तरह से एक प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है और इसका उद्देश्य किसी भी प्रकार से पुराने नोटों को अमान्य करना नहीं है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समय-समय पर विभिन्न मूल्यवर्ग के नोटों की छपाई और वितरण की प्रक्रिया को अद्यतन करता रहता है. इस बार 20 रुपये के नोटों में केवल कुछ मामूली बदलाव किए गए हैं, जो मुख्य रूप से नए गवर्नर के हस्ताक्षर से संबंधित हैं. यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो तब अपनाई जाती है जब नए गवर्नर का कार्यकाल शुरू होता है. ऐसे में उनकी स्वीकृति और अधिकारिकता सुनिश्चित करने के लिए नोटों पर उनके हस्ताक्षर शामिल किए जाते हैं.
बाजार में आ रहे हैं 20 रुपये के नए नोट
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि जल्द ही महात्मा गांधी (नई) सीरीज के तहत 20 रुपये के नए नोट जारी किए जाएंगे. इन नए नोटों पर हाल ही में नियुक्त आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के हस्ताक्षर होंगे. हालांकि, नोट का रंग, डिज़ाइन, आकार और सुरक्षा फीचर्स पहले जैसे ही रहेंगे. केवल हस्ताक्षर का बदलाव किया जाएगा. यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर नए गवर्नर के कार्यभार ग्रहण करने के बाद अपनाई जाती है.

क्या पुराने 20 रुपये के नोट अब नहीं चलेंगे?
इस घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही था कि पुराने 20 रुपये के नोटों का क्या होगा. आरबीआई ने इस पर पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि पिछले गवर्नरों के कार्यकाल में जारी किए गए 20 रुपये के सभी नोट वैध रहेंगे और चलन में बने रहेंगे. जब तक किसी नोट को औपचारिक रूप से चलन से बाहर नहीं किया जाता, वह पूरी तरह से वैध माना जाता है.
नोट छपाई की प्रक्रिया
संजय मल्होत्रा ने 11 दिसंबर 2024 को आरबीआई के 26वें गवर्नर के रूप में तीन साल के कार्यकाल के लिए पदभार संभाला था. रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के अनुसार, आरबीआई द्वारा जारी सभी नोट तब तक वैध होते हैं जब तक उन्हें वापस नहीं लिया जाता. इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा जारी किए गए 1 रुपये के नोट भी आज भी लीगल टेंडर माने जाते हैं. भारत में नोट छापने का कार्य चार अलग-अलग प्रिंटिंग प्रेसों के माध्यम से किया जाता है, जिनमें से दो भारत सरकार की देखरेख में भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड (SPMCIL) द्वारा संचालित होते हैं.
यह भी पढ़ें: भारतीय शेयर बाजार में ऐतिहासिक छलांग, 5 दिनों में इतने लाख करोड़ की कमाई, टूटा पाक का घमंड!
