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अमेरिका की बड़ी कार्रवाई: ईरान पर आर्थिक चोट, 8 भारतीयों सहित 50 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

by Sanjay Kumar Srivastava
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US action: अमेरिकी विदेश विभाग और ट्रेजरी विभाग ने यह कदम उठाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ईरान की व्यापारिक गतिविधियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकना है.

US action: अमेरिका ने ईरानी ऊर्जा व्यापार को सुविधाजनक बनाने के आरोप में आठ भारतीय नागरिकों और कई भारत-आधारित कंपनियों सहित 50 से अधिक व्यक्तियों व संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिकी विदेश विभाग और ट्रेजरी विभाग ने यह कदम उठाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य ईरान की व्यापारिक गतिविधियों को मिलने वाली आर्थिक मदद को रोकना है. प्रतिबंधित सूची में शामिल लोगों को विशेष रूप से वर्गीकृत किया गया है. अब ये व्यक्ति अमेरिकी नागरिकों के साथ कोई व्यापार नहीं कर सकते और उन्हें अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने यह कार्रवाई वैश्विक बाजारों में ईरानी पेट्रोलियम और एलपीजी के अवैध व्यापार को रोकने के लिए की है. अमेरिका का कहना है कि ये कदम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को लागू करने और ईरानी शासन पर दबाव बनाने के लिए आवश्यक है. प्रतिबंधित लोगों में नीति उन्मेष भट्ट भी शामिल हैं, जिनकी भारत स्थित इंडिसोल मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

ईरान के ऊर्जा व्यापार पर निशाना

भट्ट की पेट्रोकेमिकल ट्रेडिंग कंपनी ने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच एक यूएस-नामित फर्म से लगभग 74 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया. इसने 2024 और 2025 के बीच एक अमेरिकी-नामित फर्म से 7 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया. कमला कनयालाल कसाट, कुणाल कनयालाल कसाट और पूनम कुणाल कसाट भी सूची में थे. उनकी कंपनी हरेश पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने जनवरी 2024 और फरवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से लगभग 10 मिलियन अमरीकी डालर मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात किया. तीनों के साथ-साथ उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाए गए. सूची में वरुण पुला भी शामिल है, जो मार्शल द्वीप स्थित बर्था शिपिंग इंक के मालिक हैं. जुलाई 2024 से पोत ने लगभग चार मिलियन बैरल ईरानी एलपीजी को चीन पहुंचाया है. कंपनी भी सूची में थी. प्रतिबंधित एक अन्य भारतीय नागरिक इयप्पन राजा थे, जो मार्शल द्वीप स्थित एवी लाइन्स इंक के मालिक हैं. उन्होंने अप्रैल 2025 से चीन को 10 लाख बैरल से ज़्यादा ईरानी एलपीजी पहुंचाई है.

ईरान को मिलने वाला राजस्व अमेरिका के लिए खतरा

एवी लाइन्स इंक भी प्रतिबंधित संस्थाओं की सूची में थी. वेगा स्टार शिप मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड की मालिक सोनिया श्रेष्ठा और उनकी कंपनी पर भी प्रतिबंध लगाया गया था. यह कोमोरोस के झंडे वाले जहाज, नेप्टा का स्वामित्व और संचालन करती है, जिसने जनवरी 2025 से पाकिस्तान को ईरानी एलपीजी पहुंचाई है. OFAC की SDN सूची में शामिल अन्य भारत-आधारित संस्थाओं में बीके सेल्स कॉर्पोरेशन, सीजे शाह एंड कंपनी, मोदी केम, पारीकेम रिसोर्सेज एलएलपी और शिव टेक्सकेम लिमिटेड शामिल हैं. वित्त मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से अरबों डॉलर मूल्य के पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात को संभव बनाया है, जिससे ईरानी शासन को महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त हुआ और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी समूहों को समर्थन मिला. वित्त मंत्रालय के सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि वित्त मंत्रालय ईरान की ऊर्जा निर्यात प्रणाली के प्रमुख तत्वों को नष्ट करके ईरान की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाना है.

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