Operation Sindoor: भारत ने एक तरफ अपना सैन्य कौशल दिखाया है, वहीं दूसरी ओर इसने यह भी साबित कर दिया कि वह किसी भी वैश्विक नियम का उल्लंघन किए बिना, आतंक के खिलाफ निर्णायक कदम उठा सकता है. लेकिन यह भी तय है कि यह संघर्ष का अंत नहीं, बल्कि एक नया अध्याय है.
Operation Sindoor: भारतीय सेना ने आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए आधी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के 9 आतंकी अड्डों पर एक सर्जिकल एयर स्ट्राइक की. इस अभियान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठनों के मुख्य ठिकाने पूरी तरह तबाह कर दिए गए. भारत के इस सैन्य कदम के बाद पाकिस्तान ने अपने तेवर तुरंत बदलते हुए युद्धविराम की बात की और भारत से और कोई कार्रवाई न करने की अपील की.
रात के अंधेरे में भारत ने दिया दुश्मनों को करारा जवाब
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय सेना ने गुप्त रूप से अंजाम दिया, ताकि दुश्मन को कोई अंदेशा न हो. यह मिशन पूरी तरह से योजनाबद्ध था और इसमें अत्याधुनिक हथियारों का प्रयोग किया गया. भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स ने तय लक्ष्यों को इतनी सटीकता से निशाना बनाया कि किसी भी आम नागरिक को नुकसान नहीं हुआ, जबकि आतंकी अड्डे पूरी तरह तबाह हो गए. इस कार्रवाई का सबसे बड़ा उद्देश्य था – पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष लोगों के बलिदान का बदला लेना और यह संदेश देना कि भारत अब हर हमले का जवाब देगा, वह भी अपने तरीके से.
भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस ऑपरेशन से पहले कई हफ्तों तक जमीन और सैटेलाइट के माध्यम से आतंकियों की गतिविधियों पर नजर रखी. मिशन को इतने गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया कि पाकिस्तान को इसका आभास भी तब तक नहीं हुआ, जब तक धमाकों की गूंज उसके सैन्य ठिकानों तक नहीं पहुंच गई.
पाकिस्तान में डर का माहौल
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, जो भारत पर पहले हमले का आरोप लगा रहे थे और प्रतिशोध की चेतावनी दे रहे थे, कुछ ही घंटों में नरम पड़ गए. उन्होंने टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर भारत आगे कोई हमला नहीं करता, तो हम भी कुछ नहीं करेंगे.” यह बयान दर्शाता है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान के आत्मविश्वास को झकझोर कर रख दिया है.

शुरुआती बयानों में ख्वाजा आसिफ ने यह दावा किया था कि भारत ने रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया है और वह इसका जवाब देगा. लेकिन जब अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस ऑपरेशन को ‘टेररिस्ट टारगेटेड’ एक्शन बताया गया और भारत की कार्रवाई को आत्मरक्षा की श्रेणी में समर्थन मिला, तो पाकिस्तान के सुर बदल गए. अब वही मंत्री युद्ध न करने की बात कह रहे हैं, जो कुछ ही घंटे पहले जवाबी कार्रवाई की धमकी दे रहे थे.
उलझी पाक की रणनीति
पाकिस्तान हमेशा से आतंकी संगठनों को ‘नॉन-स्टेट ऐक्टर्स’ बताकर उनसे अपने पल्ला झाड़ता रहा है, लेकिन जब भारत ने इन्हीं संगठनों के खिलाफ सीधे उनके गढ़ में घुसकर हमला किया, तो पाकिस्तान की रणनीति उलझ गई. सैन्य मोर्चे पर उसका कोई ठोस जवाब नहीं था और राजनीतिक रूप से भी वह दबाव में आ गया. यही वजह है कि पाकिस्तानी सरकार अब युद्ध के बजाय शांति की बात करने लगी है.
एक ओर जहां भारत ने बिना किसी उकसावे की कार्रवाई के बदले में रणनीतिक ऑपरेशन को अंजाम दिया, वहीं पाकिस्तान के पास अब जवाब देने के लिए न तो कूटनीतिक समर्थन है और न ही सैन्य ताकत. पाकिस्तान की यही स्थिति उसे ‘भीतर से कमजोर और बाहर से आक्रामक’ देश के रूप में प्रस्तुत करती है.
भारत का ऑपरेशन सिन्दूर से बदला
यह ऑपरेशन केवल बदला नहीं था, यह भारत की बदलती सैन्य नीति का संकेत था. अब भारत केवल आतंक के बाद जवाब देने वाले देश की छवि से आगे निकल चुका है. भारत अब ‘पहचानते ही कार्रवाई’ की नीति पर चल रहा है. यह एक स्पष्ट संदेश है – अगर आप भारत के नागरिकों पर हमला करते हैं, तो इसका जवाब निश्चित मिलेगा, चाहे वह सीमा के पार हो या उसके भीतर.
सैन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि इस ऑपरेशन ने भारतीय सेना की क्षमता और राजनीतिक इच्छाशक्ति – दोनों को दुनिया के सामने मजबूत रूप से प्रस्तुत किया है. ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान को एक सीधा संदेश था, बल्कि विश्व समुदाय को यह भी बताता है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले पर चुप नहीं बैठेगा.
क्या टल गया युद्ध? या फिर यह है शुरुआत?
पाकिस्तान ने भले ही युद्धविराम की घोषणा कर दी हो, लेकिन यह सवाल अब भी ज़िंदा है – क्या यह केवल समय खरीदने की कोशिश है? इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान बार-बार ऐसे वादे करके बाद में मुकरता रहा है. ऐसे में भारत के लिए रणनीतिक सतर्कता बनाए रखना आवश्यक होगा.
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