SCO Summit 2025 : एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है. इस सम्मेलन के घोषणापत्र में सदस्यों देशों की तरफ से कहा गया कि आतंकी घटना को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
SCO Summit 2025 : शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में सदस्यों देशों ने तियानजिन में घोषणापत्र जारी किया. इसमें 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी घटना की कड़ी निंदा की गई और एससीओ देशों ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापंदड अस्वीकार्य है. घोषणापत्र में आगे कहा गया कि इस हमले में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना है. इसके अलावा हमले के दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को कड़ी सजा दिलाने पर भी जोर दिया गया. एससीओ देशों ने स्पष्ट कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता बिल्कुल अटल है.
आतंकवाद किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं
एससीओ देशों ने आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करने की बात फिर दोहराया और इसको पूरी तरह से खत्म करने की जरूरत को भी इंगित किया. उन्होंने कहा कि आतंकी घटना, अलगाववाद और उग्रवादी समूहों का इस्तेमाल स्वार्थ के लिए करना बिल्कुल गलत है. साथ ही घोषणापत्र में सीमापार से आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और इसकी कड़ी शब्दों में आलोचना की. बता दें कि घोषणापत्र का थीम एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य रहा.
नहीं होना चाहिए दोहरा मापदंड : PM
तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 25वीं बैठक को संबोधित किया. पीएम मोदी ने SCO ढांचे के तहत सहयोग को मजबूत करने के लिए दृष्टिकोण प्रकाश डाला और तीन स्तंभों, सुरक्षा, संपर्क और अवसर के तहत अलग से सभी देशों की तरफ से कोशिश करने का आग्रह किया. उन्होंने सदस्य देशों से आतंकवाद के सभी रूप से लड़ने के लिए दृढ़ और निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सदस्य देशों की एकजुटता के लिए धन्यवाद देते हुए आग्रह किया कि आतंकवाद से लड़ने में कोई दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए.
युवा सशक्तीकरण को मिले बढ़ावा
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के वित्तपोषण और कट्टरपंथ के खिलाफ समन्वित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने समूह से आग्रह किया कि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका समर्थन करने वाले देशों को जवाबदेह ठहराया जाए. वहीं, सम्मेलन में एससीओ विकास रणनीति के तहत वैश्विक शासन में सुधार, आतंकवाद-निरोध, शांति और सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय सहयोग और सतत विकास पर उपयोगी चर्चा हुई. साथ ही विकास को बढ़ावा देने और विश्वास निर्माण में कनेक्टिविटी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चाबहार बंदरगाह और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे जैसी परियोजनाओं का पुरजोर समर्थन करता है. उन्होंने स्टार्ट-अप, नवाचार, युवा सशक्तिकरण और साझा विरासत के क्षेत्रों में अवसरों के बारे में भी बात की, जिन्हें एससीओ के अंतर्गत आगे बढ़ाया जाना चाहिए.
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