वायु संचालन महानिदेशक ने कहा कि भारत बार-बार पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन न देने की बात कहता रहा है. लेकिन पाकिस्तान हर बार उनकी बात को अनसुना करते हुए भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहा है.
New Delhi: भारतीय सेना ने ‘भय बिनु होई न प्रीत’ वाली बात को चरितार्थ करते हुए पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. ऐसे समय में यह प्रसंग सटीक बैठता है कि जब भगवान श्रीराम रास्ता देने के लिए समुद्र से बार-बार निवेदन कर रहे थे तो समुद्र उनकी बात को अनसुना कर रहा था, जिससे क्रोधित होकर भगवान राम ने समुद्र को सुखाने के लिए अपनी कमान से तीर निकाली तो समुद्र प्रभु की चरणों में गिरकर माफी मांगने लगा, तब प्रभु ने कहा, ‘भय बिनु होई न प्रीत’. ठीक यही हाल भारत ने पाकिस्तान का किया. पाकिस्तान भारत के आगे घुटने टेकने पर मजबूर हो गया. भारतीय वायुसेना के वायु संचालन महानिदेशक एयर मार्शल एके भारती ने सोमवार को अपनी प्रेस कांफ्रेस ‘भय बिनु होई न प्रीत’ से शुरू की.
‘भय बिनु होई न प्रीत’ वाली बात पर अमल करते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी
वायु संचालन महानिदेशक ने कहा कि भारत बार-बार पाकिस्तान से आतंकवाद को समर्थन न देने की बात कहता रहा है. लेकिन पाकिस्तान हर बार उनकी बात को अनसुना करते हुए भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता रहा है. महानिदेशक ने कहा कि अभी हाल में ही 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने 22 पर्यटकों की हत्या कर दी थी. इन आतंकियों को पाकिस्तान का पूरा समर्थन था. इस घटना के बाद भारत ने ‘भय बिनु होई न प्रीत’ वाली बात पर अमल करते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी समझा. भारत ने अपने आधुनिक हथियारों के साथ पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर दिया और उसके 100 से ज्यादा आतंकी मार गिराए. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, न कि पाकिस्तान के खिलाफ.
ये भी पढ़ेंः भारत-पाक के बीच हालात सामान्य, फिर खोले गए अस्थायी रूप से बंद सभी 32 एयरपोर्ट्स, नोटम जारी
भारत के हमले का उद्देश्य पाक सैन्य ठिकाने और वहां के नागरिक नहीं
कहा कि बिना भय के अब पाकिस्तान समझने वाला नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने कराची, लाहौर, इस्लामाबाद सहित पाक के परमाणु ठिकानों पर भी हमला किया. एयर चीफ मार्शल एके भारती ने कहा कि भारत के हमले का उद्देश्य पाक सैन्य ठिकाने और वहां के नागरिक नहीं थे. बल्कि आतंकवाद के समूल ढांचे को खत्म करना था. भारत काफी हद तक सफल रहा. कहा कि हम दोहराते हैं कि हमारी लड़ाई आतंकवाद और उसके समर्थन के खिलाफ है. भारती ने कहा कि पाकिस्तानी सेना नहीं, बल्कि बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने आतंकवादियों को बचाने का फैसला किया, इसलिए हमने जवाबी कार्रवाई की. हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाया.
पाकिस्तान अपने नुकसान के लिए खुद जिम्मेदारः एयर मार्शल
एयर मार्शल एके भारती ने पाकिस्तान को हुए नुकसान के लिए भी जिम्मेदार ठहराया. कहा कि हमारी कार्रवाई जरूरी थी. पाकिस्तान को जो भी नुकसान हुआ, वह उन्हीं की वजह से हुआ. हमारी तरफ से उनके हमले का बहुत कम असर हुआ. हमारी वायु रक्षा प्रणाली दीवार की तरह खड़ी थी और दुश्मन के लिए इसे भेद पाना लगभग नामुमकिन था. हमारे पास एकीकृत बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली थी, जो हवा की रखवाली कर रही थी. हमारी वायु सेना ने सैन्य और नागरिक बुनियादी ढांचे की रक्षा की. पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कई ड्रोन और मानव रहित वाहनों को हमारी स्वदेशी प्रणाली ने नष्ट कर दिया. उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में किसी भी मिशन को अंजाम देने के लिए तैयार रहेगा. उन्होंने कहा कि स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा और पुराने सिस्टम समय की कसौटी पर खरे उतरे. उन्होंने कहा कि हमारे स्वदेशी आकाश सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया.
भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को न्यूनतम नुकसान
भारती ने नष्ट हुए नूर खान एयरबेस, मिसाइलों और ड्रोन की कई तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए कहा कि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को न्यूनतम नुकसान हुआ है. कांफ्रेस को संबोधित करते हुए डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों का चरित्र बदल गया है और पहलगाम ताबूत में आखिरी कील थी. उन्होंने कहा कि अप्रैल में पहलगाम हमला और 2024 में शिव खोरी नई आतंकी रणनीति के उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि हमें पता था कि पाकिस्तान हमला करेगा और हमने अपनी बहुस्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली के साथ उसी के अनुसार तैयारी की थी. उन्होंने कहा कि तीनों बलों में पूर्ण तालमेल था. उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बीएसएफ की सराहना की.
समुद्री रास्ते में नौसेना की कड़ी निगरानी
घई ने कहा कि उन्होंने भी ऑपरेशन में हिस्सा लिया और अपने काउंटर अलर्ट सिस्टम से हमारी मदद की. वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने कहा कि नौसेना कड़ी निगरानी रख रही है. इस बीच भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ सोमवार शाम को बातचीत करने वाले हैं. 10 मई को ऑपरेशन रोकने पर जो सहमति बनी थी, उस पर चर्चा होने की संभावना है. डीजीएमओ ने कहा था कि यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदासिर अहमद जैसे बड़े आतंकियों सहित 100 आतंकवादियों को पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में 7 मई को शुरू किए गए अभियान में मार गिराया गया था. पाकिस्तानी हमलों के बाद की सभी जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई थी.
ये भी पढ़ेंः ‘पाक’ के बाद बुर्किना फासो में है दुनिया की सबसे क्रूर आर्मी! 100 लोगों की ली थी जान
