Home RegionalAssam सुरक्षा के लिए असम में लागू होगा 1950 का कानून, सरकार अवैध विदेशियों को राज्य से करेगी बेदखल

सुरक्षा के लिए असम में लागू होगा 1950 का कानून, सरकार अवैध विदेशियों को राज्य से करेगी बेदखल

by Sanjay Kumar Srivastava
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CM Himanta Biswa Sarma

सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ ने हाल ही में फैसला दिया था कि यह अधिनियम लागू है और सरकार इसके प्रावधानों के तहत आगे बढ़ सकती है.

Guwahati: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें बाहर निकालने के लिए 1950 के कानून को लागू करेगी. उन्होंने कहा कि देश व राज्य की सुरक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है. उन्होंने दावा किया कि कानून जिला आयुक्तों को अवैध अप्रवासी घोषित करने और बेदखली की कार्रवाई शुरू करने का अधिकार देता है. एक दिन के विशेष विधानसभा सत्र के दौरान बोलते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नागरिकता को महत्व नहीं देती है, क्योंकि इसके एक नेता के चार परिवार के सदस्यों में से तीन विदेशी हैं. यह विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई पर एक स्पष्ट व्यंग्य था, जो ट्रेजरी बेंच के सामने विधानसभा की आगंतुक गैलरी में बैठे थे, जिन्हें मुख्यमंत्री अपनी ब्रिटिश पत्नी के माध्यम से पाकिस्तान से कथित संबंधों के लिए निशाना बना रहे थे.

300 से अधिक अवैध बांग्लादेशियों को बाहर निकाला

विदेशियों की पहचान और निर्वासन के मुद्दों का जवाब देते हुए सरमा ने कहा कि राज्य सरकार इस उद्देश्य के लिए अप्रवासी (असम से निष्कासन) अधिनियम, 1950 को लागू करेगी. यह जिला आयुक्त को अवैध विदेशियों को घोषित करने और उन्हें बेदखल करने की अनुमति देता है. सरमा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ ने हाल ही में फैसला दिया था कि यह अधिनियम लागू है और सरकार इसके प्रावधानों के तहत आगे बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में 300 से अधिक अवैध बांग्लादेशियों को

विदेशियों की पहचान सावधानी से होः विधायक

एआईयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम की चेतावनी का जवाब देते हुए कि विदेशियों की पहचान सावधानी से की जानी चाहिए क्योंकि नागरिकता किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे मूल्यवान संपत्ति है. सरमा ने कांग्रेस की अपनी आलोचना को दोहराया. उन्होंने कहा कि रफीकुल इस्लाम ने कहा है कि नागरिकता सबसे मूल्यवान संपत्ति है, लेकिन यह कांग्रेस के लिए ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि उनके पास ऐसे लोग हैं जिनके परिवार के चार सदस्यों में से तीन विदेशी हैं. सरमा दावा कर रहे थे कि न केवल कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी ने अपनी ब्रिटिश नागरिकता बरकरार रखी है, बल्कि उनके दो नाबालिग बच्चे भी भारतीय नागरिक नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः Uttarakhand: भ्रष्टाचार पर सीएम धामी के तेवर सख्त, भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की दे डाली चेतावनी

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