India-South Korea Ties: एस जयशंकर और दक्षिण कोरियाई देश मंत्री ह्यून के बीच में विभिन्न सेक्टरों में साझेदारी बढ़ाने के लिए अहम चर्चा हुई. इस दौरान जयशंकर ने पहलगाम हमले पर दक्षिण कोरिया की तरफ से निंदा करने को लेकर धन्यवाद कहा.
India-South Korea Ties: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री ह्यून से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान शनिवार को सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे सेक्टरों में सहयोग बढ़ाने के अलावा रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने का संकल्प लिया. इसी बीच जयशंकर ने कहा कि एक पुराने मित्र का नए सहयोगी के रूप में मेजबानी करना सौभाग्य है. भारतीय विदेश मंत्री ने अपनी एक एक्स पोस्ट में लिखा कि व्यापार, विनिर्माण, समुद्री और लोगों के बीच आदान-प्रदान के साथ रक्षा में नए अवसरों के क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा हुई.
रणनीतिक साझेदारी का 10वीं वर्षगांठ
जयशंकर ने कहा कि मैंने और ह्यून ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ समकालीन वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. उन्होंने आगे कहा कि हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने पर हमारे गहन होते समन्वय और बढ़ते सहयोग की सराहना की. इसके अलावा बैठक के दौरान अपने भाषण में जयशंकर ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा के लिए सियोल का आभार भी व्यक्त किया. दूसरी तरफ विदेश मंत्री ने भारत की यात्रा के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि यह इंडिया और दक्षिण कोरिया के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ का प्रतीक है.
एक महीना पहले बनाए गए विदेश मंत्री
विदेश मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद दक्षिण कोरिया का दौरा करने वाले भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को समर्थन देने का भी जिक्र किया. जयशंकर ने आगे कहा कि ह्यून जी को विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभाले हुए मुश्किल से एक महीने का समय हुआ है और यह तथ्य है कि आप अपने राष्ट्रीय दिवस के ठीक एक दिन बाद यहां पर मौजूद हैं. साथ ही बीते कुछ वर्षों में भारत-दक्षिण कोरिया संबंधों में व्यापार और रक्षा के क्षेत्रों में तेजी आई है.
कश्मीर में आई बाढ़ के प्रति व्यक्त किया दुख
डॉ. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान विदेश मंत्री चो ह्यून ने कहा कि मैं कश्मीर में आई अचानक बाढ़ की वजह से जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त करता हूं. इसके साथ ही एक महीने में विदेश मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद मेरी भारत में यात्रा काफी प्रसन्नता की बात है. उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति ली जे म्यूंग भारत के साथ संबंध मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और कनाडा में शिखर सम्मेलन के दौरान भी इस बात पर जोर दिया गया था.
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