RSS Centenary Vijayadashami Program : आज यानी कि विजयदशमी के खास मौके पर RSS ने अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं. इस बीच आज देशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
RSS Centenary Vijayadashmi Program : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने आज विजयदशमी के मौके पर अपने 100 साल पूरे कर लिए है. इस दौरान देशभर में कई जगहों पर कई कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे. वहीं, इस खास मौके पर नागपुर में विजयादशमी उत्सव मनाया जा रहा है जो शताब्दी वर्ष समारोह की शुरुआत का प्रतीक है. इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद रहे. मोहन भागवत ने डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की. देशभर में संघ की शाखाओं में विजयादशमी उत्सव मनाया जा रहा है.
कब हुई थी संघ की स्थापना?
साल 1925 में विजयदशमी के दिन संघ की स्थापना की गई थी और तब से संघ विजयादशमी उत्सव मानता चला आ रहा है. यह साल संघ के लिए बेहद खास रहने वाला है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह वर्ष संघ का शताब्दी वर्ष है और 2025 विजयादशमी से 2026 विजयादशमी तक संघ शताब्दी वर्ष मनाएगा. इस दिन नागपुर के रेशमबाग के मैदान पर मुख्य समारोह आयोजित किया गया.
मोहन भागवत ने दी हेडगेवार को श्रद्धांजलि
RSS के इस खास दिन पर प्रमुख मोहन भागवत ने RSS के संस्थापक डॉ हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ ही मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. रामनाथ कोविंद ने भी नमन किया. इसके बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत कार्यक्रम से पहले शस्त्र पूजन किया और बाद में योग, प्रात्यक्षिक, नियुद्ध, घोष, प्रदक्षिणा का आयोजन किया जाएगा.
कार्यक्रम की हुई शुरुआत
संघ प्रमुख ने संबोधन से पहले शस्त्र पूजन की. फिर संघ की घेाषवाद की धुन पर ध्वज वंदन किया गया, तत्पश्चात स्वयंसेवकों ने योग, दंड, नियुद्ध, शारीरीक प्रत्याक्षिक भी किया. सुबह करीब 7.30 बजे शुरू हुए इस समारोह में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने सबसे पहले शस्त्र पूजा की, जो धर्म की रक्षा और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है.
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इस दौरान मुख्य अतिथि ने कही ये बातें
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत विजयादशमी की बधाई से की. उन्होंने कहा कि मेरे जीवन में नागपुर के दो महापुरुषों का बहुत बड़ा योगदान है- डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार और बाबा साहब भीमराव आंबेडकर. पूर्व राष्ट्रपति ने डॉक्टर हेडगेवार से लेकर मोहन भागवत तक, संघ के अब तक के सफर में सरसंघचालकों के योगदान भी गिनाए.
पूर्व-राष्ट्रपति ने बताया संघ से अपना नाता
इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संघ के साथ अपने रिश्ते के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट से BJP का प्रत्याशी था, तब संघ से मेरा परिचय हुआ. जातिगत भेदभाव से दूर लोग संयोग से संघ के स्वयंसेवक और पदाधिकारी ही थे. उन्होंने कहा कि संघ में जातीय आधार पर कोई भेदभाव नहीं होता. संघ सामाजिक एकता का पक्षधर रहा है. मेरी जीवन यात्रा में स्वयंसेवकों के साथ जुड़ाव और मानवीय मूल्यों से कैसे प्रेरणा मिली, इसका उल्लेख अपनी आत्मकथा में किया है, जो इस साल के अंत तक प्रकाशित हो जाएगी.
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