अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद नलगोंडा जिले के 28 वर्षीय एक छात्र को वीजा प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया.
Hyderabad: धोखाधड़ी कर फर्जी अमेरिकी वीजा हासिल करने के आरोप में पुलिस ने तेलंगाना के छात्र को गिरफ्तार कर लिया. मामले का खुलासा तब हुआ जब छात्र वीजा लेकर अमेरिका पहुंचा और एयरपोर्ट पर जांच के दौरान उसके कागज भिन्न पाए गए. इसके बाद अमेरिका ने छात्र को भारत वापस भेज दिया. भारत लौटते ही पुलिस ने छात्र को गिरफ्तार कर लिया. बताया जाता है कि वीजा हासिल करने के लिए छात्र ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था.
वेबस्टर विश्वविद्यालय में कर रहा था पढ़ाई
पुलिस ने बुधवार को बताया कि अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद नलगोंडा जिले के 28 वर्षीय एक छात्र को वीजा प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने 2 जून को एक विदेशी शिक्षा परामर्श फर्म के प्रबंध निदेशक को भी गिरफ्तार किया था. जिस पर छात्र को जाली डिग्री प्रदान करने का आरोप है. मिसौरी में वेबस्टर विश्वविद्यालय में मास्टर डिग्री की पढ़ाई कर रहे छात्र को पहली बार 1 जून को गिरफ्तार किया गया था. दोनों पर जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. छात्र को अमेरिका के डलास से मई के आखिरी हफ्ते में प्रत्यर्पित किया गया था. जब अमेरिकी आव्रजन अधिकारियों ने पाया कि उसका SEVIS (छात्र और विनिमय आगंतुक सूचना प्रणाली) का स्टेटस निष्क्रिय था.
छात्र ने फर्जी दस्तावेज की बात कबूली
इस कबूलनामे के बाद स्थानीय आव्रजन अधिकारियों ने आरजीआई हवाईअड्डा पुलिस स्टेशन में एक शिकायत दर्ज की, जिसके बाद छात्र की गिरफ्तारी हुई और उसका बयान दर्ज किया गया. छात्र ने पुलिस को बताया कि उसने शिक्षा सलाहकार फर्म के एमडी से फर्जी दस्तावेज हासिल किए थे. फर्म के कार्यालय की तलाशी के दौरान पुलिस ने एमडी के कब्जे से विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्रमाण पत्र सहित कई दस्तावेज और 10 लाख रुपये नकद जब्त किए.
डलास हवाई अड्डे पर पकड़ाया
सहायक पुलिस आयुक्त (शमशाबाद डिवीजन) वी श्रीकांत गौड़ ने पीटीआई को बताया कि छात्र ने अमेरिका में एक साल तक पढ़ाई की थी और भारत आकर पांच महीने तक रहा. जब वह अमेरिका लौटा, तो डलास हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने एसईवीआईएस पर उसके छात्र की स्थिति को निष्क्रिय पाया और उसे निर्वासित कर दिया. पूछताछ के दौरान सलाहकार फर्म के एमडी ने खुलासा किया कि पिछले पांच वर्षों में उसने 15 छात्रों को विदेश भेजा है और उन्हें नकली डिग्री प्रमाण पत्र प्रदान करके प्रवेश हासिल किया है. आगे की जांच जारी है.
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