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हिंदी भाषा पर आर-पार के मूड में कांग्रेस-बीजेपी! महाराष्ट्र के नेता ने RSS पर भी लगाए गंभीर आरोप

by Vikas Kumar
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War on Hindi Language

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने हिंदी भाषा के मुद्दे पर बीजेपी और आरएसएस को घेरा है. सपकाल ने बीजेपी पर कई आरोप भी लगाए हैं.

Congress Vs BJP on Hindi Language: हिंदी लैंग्वेज पर एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी में तकरार देखने को मिल रही है. इस कड़ी में कांग्रेस ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मीडिया से बातचीत के दौरान बीजेपी को घेरते हुए कहा कि भाजपा हिंदी थोपकर मराठी भाषा और संस्कृति को खत्म करने की कोशिश कर रही है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, कांग्रेस ने बुधवार को भाजपा पर मराठी भाषा और संस्कृति को खत्म करने के लिए “धोखे” से महाराष्ट्र में हिंदी थोपने की कोशिश करने का आरोप लगाया और इस कदम का विरोध करने की कसम खाई.

क्यों है विवाद?

राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी और मराठी माध्यम के स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को “आम तौर पर” तीसरी भाषा बनाने का आदेश जारी करने के बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. हालांकि, सरकार ने जोर देकर कहा कि हिंदी अनिवार्य नहीं होगी. महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा, “हिंदी या किसी भी भाषा का कोई विरोध नहीं है, लेकिन शिक्षा विशेषज्ञों ने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जानी चाहिए. हालांकि, भाजपा मराठी भाषा और संस्कृति को खत्म करने के लिए हिंदी थोपने का इरादा रखती है. यह भाजपा और आरएसएस द्वारा जानबूझकर किया गया कदम है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस योजना को अंजाम दे रहे हैं.” सपकाल ने दावा किया कि कांग्रेस द्वारा पिछले दिनों किए गए कड़े विरोध प्रदर्शनों के कारण सरकार को हिंदी भाषा को अनिवार्य रूप से लागू करने के मामले में एक कदम पीछे हटना पड़ा.

लगाया ये आरोप

सपकाल ने आरोप लगाते हुए कहा, “फडणवीस महाराष्ट्र में कक्षा 1 से हिंदी को शिक्षा का माध्यम बनाने पर अड़े हुए हैं. 17 जून को जारी नवीनतम सरकारी प्रस्ताव में हिंदी को लागू करने के लिए भ्रामक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है. केवल शब्दों को बदलने से यह इरादा नहीं बदलेगा.” कांग्रेस स्टेट प्रेसिडेंट ने जोर देकर कहा कि मराठी केवल एक भाषा नहीं है, यह हमारी संस्कृति है, उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर मराठी संस्कृति को नष्ट करने के लिए अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया. अहम ये है कि मंगलवार को जारी संशोधित सरकारी प्रस्ताव (जीआर) आदेश में कहा गया है कि हिंदी अनिवार्य होने के बजाय “आम तौर पर” तीसरी भाषा होगी. हालांकि, अगर स्कूल में प्रति कक्षा 20 छात्र ऐसी इच्छा जताते हैं तो छात्र कोई अन्य भारतीय भाषा पढ़ने का विकल्प चुन सकते हैं. सपकाल ने दावा किया कि भाजपा शासित गुजरात में कक्षा 1 से हिंदी को अनिवार्य नहीं बनाया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र को हिंदी अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा, “फडणवीस को पीएम नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए कि गुजरात में पहली कक्षा से ही हिंदी क्यों लागू नहीं की जाती.”

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