Election Commission of India : सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत ने उनकी सभी मांगों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग इस बात की जांच करेगा कि क्या हम सभी बैलेट पेपरों पर बार कोड लगा सकते हैं.
26 April, 2024
Election Commission of India : सुप्रीम कोर्ट ने ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से डाले गये वोट का वीवीपैट यानी ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ के साथ पूरी तरह वेरिफिकेशन कराने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाएं शुक्रवार को खारिज कर दीं. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामले में सहमति वाले दो फैसले सुनाए हैं. इस दौरान जस्टिस खन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अदालत ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है जिनमें दोबारा बैलेट पेपर से चुनाव कराने की प्रकिया अपनाने का अनुरोध करने वाली याचिका भी शामिल है.
अदालत ने सभी को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि शीर्ष अदालत ने उनकी सभी मांगों को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग इस बात की जांच करेगा कि क्या हम सभी बैलेट पेपरों पर बार कोड लगा सकते हैं जिनकी बाद में मशीन से काउंटिंग की जा सकती है. उन्होंने कहा कि हम लोगों का ये कहना था कि ईवीएम हैं एक प्रोग्रामेबल मेमोरी होती है क्योंकि एसेंबल लोडिंग की जाती है और इसलिए इनको मेनिपुलेट किया जा सकता है अगर आप उसमें कोई मेलिशियस प्रोग्राम डाल दें और इस वजह से ये जरूरी है कि जो वीवीपैट है वो पूरा पेपर ट्रेल का ऑडिट होना चाहिए, सारे वीवीपैट स्लिप्स को काउंट करना चाहिए और क्योंकि वीवीपैट में भी काला शीशा लगा दिया गया था.
बैलेट पेपर बॉक्स में पड़ी पर्चियों का किया जाए मिलान
प्रशांत भूषण ने आगे कहा कि लोग कह रहे थे कि या तो उसको ट्रांसपैरेंट शीशा करिये, नहीं जो स्लिप प्रिंट होती है, उसको वोटर के हाथ में देकर उसको बैलेट बॉक्स में डालकर उसकी काउंटिंग कर लीजिए. लेकिन अब सु्प्रीम कोर्ट ने ये हमारी सारी मांगों को ठुकरा दिया है और कहा है कि इलेक्शन कमीशन इसको एग्जामिन करे कि सारे बैलेट पेपर्स पर ‘बार कोड’ डाल दे. उसकी मैकेनिकली मशीन से काउंटिंग हो सकती है या नहीं इसको एग्जामिन करें और दूसरा उन्होंने ये बोला है कि सिंबल लोडिंग यूनिट से कॉन्स्टीट्वेंसी बाय कॉन्स्टीट्वेंसी कराई जाती है, उसको चुनाव के बाद कम से कम 45 दिनों तक सील करके रखा जाए. अगर कोई इलेक्शन पिटीशन फाइल करने के बाद कोर्ट मांग करता है तो उसको देखा जा सके.
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