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बिहार में ‘वोट चोरी’ और ‘वोट रेवड़ी’ का संग्राम! अमित शाह की ललकार वर्सेस कांग्रेस का पलटवार

by Preeti Pal
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बिहार में ‘वोट चोरी’ और ‘वोट रेवड़ी’ का संग्राम! अमित शाह की ललकार वर्सेस कांग्रेस का पलटवार

Vote Chori-Vote Revdi: बिहार में सियासत और भी दिलचस्प होती जा रही है. चुनाव की तैयारियों की बीच BJP और कांग्रेस के बीच तंजों की बारिश हो रही है.

29 September, 2025

Vote Chori-Vote Revdi: बिहार की सियासत हमेशा गर्मजोशी और तंज़ से भरी रही है. विधानसभा चुनाव से पहले ही BJP और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो चुका है. गृहमंत्री अमित शाह ने अररिया की रैली में दावा किया कि NDA इस बार 160 से ज़्यादा सीटें जीतेगी. इसके जवाब में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि अमित शाह को लगता है VC यानी वोट चोरी और VR यानी वोट रेवड़ी से बिहार जीता जा सकता है, लेकिन यहां की जनता इन पैंतरों को पहचान चुकी है.

मज़ाक-मज़ाक में तंज

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर मज़ाकिया लहज़े में लिखा कि एजुकेशन में VC का मतलब वाइस चांसलर, स्टार्टअप की दुनिया में वेंचर कैपिटल और सेना में वीर चक्र होता है. मगर राजनीति में अब VC का नया मतलब है, वोट चोरी. वहीं, कांग्रेस का दावा है कि इस बार महागठबंधन ही जनता की पहली पसंद होगा और इसका सीधा असर दिल्ली पर पड़ेगा. वहीं अमित शाह का कहना है कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी दल घुसपैठियों को वोट दिलाने की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने वादा किया कि अगर NDA को दो-तिहाई बहुमत मिला तो बिहार से सभी घुसपैठियों को बाहर निकाला जाएगा.

पिछली बार का खेल

बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटें हैं. 2020 में हुए चुनाव में NDA को 125 सीटें मिली थीं, जिनमें BJP ने 74, JDU ने 43 और बाकियों को 8 सीटें मिली थीं. वहीं महागठबंधन को 110 सीटें मिलीं, जिसमें RJD, 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कांग्रेस ने सिर्फ 19 और वामदलों ने 16 सीटें पाईं. वैसे, पिछली बार के यही आंकड़े इस बार की रणनीति तय करने में अहम माने जा रहे हैं.

दिलचस्प है मुकाबला

बिहार में चुनाव सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि सामाजिक समीकरणों, जातिगत संतुलन और विकास के मुद्दों का संगम होता है. जहां भारतीय जनता पार्टी और जनता दल अपने पुराने ‘गठबंधन गणित’ पर भरोसा कर रहे हैं. तो वही, कांग्रेस और आरजेडी युवाओं और किसानों के मुद्दों के साथ मैदान में उतर रहे हैं. इन सबके बीच ‘वोट चोरी’ और ‘वोट रेवड़ी’ जैसे नए जुमले ने बिहार के चुनावी माहौल को और भी चटपटा बना दिया है.ऐसे में राजनीतिक पंडित मानते हैं कि बिहार के वोटर्स काफी सतर्क हैं. वो आख़िरी पल में भी सत्ता बदल सकते हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि अमित शाह की 160+ सीटों वाली ललकार हकीकत बनती है या कांग्रेस का दावा जीतता है. हां, मगर इतना तय है कि बिहार चुनाव 2025 एक बार फिर पूरे देश का सबसे बड़ा पॉलिटिकल सेलिब्रेशन बनने जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः तेजस्वी का नीतीश पर बड़ा हमलाः सरकार के पास पैसा नहीं, घोषणाएं कर जनता को मूर्ख बना रही NDA

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