Home Latest News & Updates भूख हड़ताल के साथ महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग तेज, फडणवीस बोले- संवैधानिक दायरे में होगा समाधान

भूख हड़ताल के साथ महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग तेज, फडणवीस बोले- संवैधानिक दायरे में होगा समाधान

by Sanjay Kumar Srivastava
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social activist Manoj Jarange

Maratha Reservation: फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मराठा आरक्षण का समाधान संवैधानिक ढांचे और बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही निकाला जाएगा.

Maratha Reservation: महाराष्ट्र में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे की भूख हड़ताल के साथ मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग ने जोर पकड़ लिया है. मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने शुक्रवार को मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी. सुबह से ही हजारों समर्थक दक्षिण मुंबई पहुंचे, जिससे इलाके में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ. जारंगे को फिलहाल केवल एक दिन के लिए धरना देने की अनुमति मिली थी. अब उन्होंने आंदोलन जारी रखने के लिए नई अनुमति मांगी है, जिस पर पुलिस विचार कर रही है. मराठा आरक्षण पर हो रहे आंदोलन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि राज्य सरकार गंभारता के साथ इस मुद्दे को हल करने में लगी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मराठा आरक्षण का समाधान संवैधानिक ढांचे और बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुसार ही निकाला जाएगा.

आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

फडणवीस ने कहा कि कैबिनेट उप-समिति, जिसे मराठा समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का अधिकार है, जारंगे की मांगों पर विचार कर रही है. सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण रखती है और सभी पक्षों को संतुष्ट करने वाला रास्ता तलाशेगी. जारंगे लंबे समय से मराठा समाज को आरक्षण दिलाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं और पहले भी कई चरणों में भूख हड़ताल कर चुके हैं. जारंगे का कहना है कि सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाए हैं, इसलिए उन्होंने एक बार फिर अनिश्चितकालीन उपवास शुरू किया है. राजधानी में आंदोलन के मद्देनज़र पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. राज्य सरकार भी स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और यह प्रयास कर रही है कि बातचीत के ज़रिए कोई व्यावहारिक हल निकले, जिससे टकराव की स्थिति न बने. फडणवीस ने कहा कि समिति कानूनी और संवैधानिक ढांचे के भीतर समाधान खोजेगी.

मौजूदा ओबीसी समुदाय ने जताया विरोध

जारांगे ने मांग की है कि सभी मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए, जो ओबीसी श्रेणी में शामिल एक कृषक जाति है, जिससे वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के पात्र बनेंगे. बताया जाता है कि इस आंदोलन का मौजूदा ओबीसी समुदाय विरोध कर रहा है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार मराठों को ओबीसी के खिलाफ खड़ा करने के ख़िलाफ़ है. उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने देंगे. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में मेरी सरकार ने मराठों के कल्याण के लिए बहुत कुछ किया है, जो किसी अन्य सरकार ने नहीं किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल शिक्षा और नौकरियों में मराठों के लिए लागू किया गया 10 प्रतिशत आरक्षण कानूनी तौर पर वैध है. उन्होंने मराठा आरक्षण मुद्दे से राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें और ओबीसी और मराठों के बीच तनाव बढ़ाने की कोशिश न करें. कहा कि हमारा सामाजिक ताना-बाना महत्वपूर्ण है.

ये भी पढ़ेंः ‘राहुल गांधी सीरियल छूठे…’ वोट चोरी वाले दावे पर बोले महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस

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