Karnataka News : कर्नाटक में एक बार फिर बहस छिड़ गई है कि डीके शिवकुमार को सिद्धारमैया की जगह मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. लेकिन इस चर्चा पर खुद उपमुख्यमंत्री ने विराम लगा दिया है.
Karnataka News : कर्नाटक सियासत में ये सवाल खड़ा होता रहता है कि डीके शिवकुमार जल्द सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की जगह मुख्यमंत्री बन सकते हैं. एक बार फिर राज्य में इस तरह की बहस शुरू हो गई है. हालांकि, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने इस सारी चर्चाओं पर विराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरों को ज्यादा हवा नहीं दी जाए, इससे पार्टी को काफी नुकसान पहुंचता है. शिवकुमार के रिश्तेदार और कांग्रेस विधायक एचडी रंगनाथ और मांड्या के पूर्व सांसद एलआर शिवराम गौड़ा ने बुधवार को यह दावा करके बहस को फिर से शुरू कर दिया कि राज्य में शिवकुमार अगले मुख्यमंत्री बनेंगे.
सत्ता के बंटवारे पर नहीं करनी चाहिए चर्चा
डीके शिवकुमार ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि कुनिगल विधायक एचडी रंगनाथ समेत किसी को भी सत्ता के बंटवारे पर बोलने की अनुमति नहीं है. मैंने कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जीसी चंद्रशेखर से नोटिस जारी करने को कहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस बयान के बाद कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और दोनों नेता आलाकमान का फैसला करेंगे और अब यह मामला बंद हो गया है. वहीं, सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा था कि वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और पार्टी लाइन का भी पालन करेंगे. शिवकुमार ने पूछा कि सत्ता के बंटवारे पर कहां चर्चा हो रही है, इस तरह की चर्चा कहीं भी नहीं होनी चाहिए और इस पर किसी भी प्रकार कोई भी सवाल नहीं खड़ा किया जाना चाहिए.
सिद्धारमैया ने बिल्कुल सही कहा
शिवकुमार ने कहा कि सीएम सिद्धारमैया ने जो भी कुछ कहा है वह बिल्कुल सही है. साथ ही इसके बाद जो लोग इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश कर रहे हैं वह सिर्फ पार्टी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने पार्टी के नियमों का पालन करने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि वह आलाकमान की बात मानेंगे, क्योंकि हम पार्टी को सच्चे सिपाही हैं. हमारे लिए सिर्फ पार्टी महत्वपूर्ण है, व्यक्ति नहीं. दूसरी तरफ BJP पर निशाना साधते हुए शिवकुमार ने कहा कि विपक्षी दल को अपने अंदरूनी कलह पर ध्यान केंद्रित करने दीजिए. मैं उन्हें सुई-धागा दूंगा. उन्हें पार्टी में जो टूटा हुआ, उसको सिलने देना चाहिए. वहीं, जब उनसे BJP नेताओं द्वारा आरएसएस की पोशाक पहने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें जो करना है करने दीजिए. यह आपकी रूचि का विषय हो सकता है, लेकिन मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता है.
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