Home Latest News & Updates नहीं कर पाए अंतिम संस्कार, शव से चादर हटाते ही खुल गई पोल, 50 लाख की बीमा राशि हड़पने को रची ये साजिश

नहीं कर पाए अंतिम संस्कार, शव से चादर हटाते ही खुल गई पोल, 50 लाख की बीमा राशि हड़पने को रची ये साजिश

by Sanjay Kumar Srivastava
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Insurance Fraud: पुलिस ने हापुड़ में बीमा फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ कर शव के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की योजना सुनकर पुलिस दंग रह गई.

Insurance Fraud: पुलिस ने हापुड़ में बीमा फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ कर शव के साथ दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की योजना सुनकर पुलिस दंग रह गई. हापुड़ में बीमा फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब दिल्ली के दो व्यापारियों को एक पुतले का अंतिम संस्कार करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया गया. आरोपी 50 लाख रुपये की बीमा राशि प्राप्त कर कर्ज़ चुकाने की योजना बना रहे थे. इसके लिए चार लोग हरियाणा नंबर की कार से हापुड़ के एक श्मशान घाट पहुंचे. आरोपियों ने कार से शव को उतारा और अंतिम संस्कार की सामग्री खरीदने के बाद उन्होंने चुपचाप शव को चिता पर रख दिया. इस दौरान सभी आरोपी घबराए हुए थे. उनकी घबराहट से नगर निगम कर्मचारी नितिन को शक हो गया. जब कर्मचारी ने चिता पर रखे शव की चादर हटाई, तो अंदर पुतला देखकर वह दंग रह गया. कर्मचारी ने तुरंत पुलिस को सूचना दी.

दिल्ली के दो व्यापारी गिरफ्तार

सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दो व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस अब इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों की भूमिका की जांच कर रही है. पुलिस ने बताया कि कर्मचारी ने तुरंत नगर निगम के अधिकारियों को सूचित किया. पुलिस ने आरोपियों की कार और तीन पुतलों को बरामद किया. पुलिस ने दो आरोपियों कमल सोमानी और आशीष खुराना को गिरफ्तार कर लिया. दोनों दिल्ली के उत्तम नगर स्थित जैन कॉलोनी के निवासी हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के दो साथी भागने में सफल रहे. पूछताछ के दौरान कपड़ा व्यापारी सोमानी ने कबूल किया कि उस पर 50 लाख रुपये का कर्ज था और वह कई महीनों से अवसाद में था. सर्किल ऑफिसर स्तुति सिंह ने बताया कि आरोपी सोमानी ने इस रकम को चुकाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई.

एक साल पहले कराया था बीमा

सोमानी ने कुछ कागजी कार्रवाई के बहाने अपने कर्मचारी नीरज के भाई अंशुल का आधार और पैन कार्ड हासिल कर लिया. लगभग एक साल पहले अंशुल के नाम पर 50 लाख रुपये की टाटा एआईए बीमा पॉलिसी ले ली. वह नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान भी कर रहा था. पुलिस ने बताया कि योजना अंशुल को शहर से बाहर भेजने, पुतले को उसका शव बताकर उसका अंतिम संस्कार करने, श्मशान घाट से आधिकारिक रसीद लेने, मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल करने और फिर बीमा राशि का दावा करने की थी. पुलिस ने सोमानी के फोन से प्रयागराज में मौजूद अंशुल को वीडियो कॉल की. उसने पुलिस को बताया कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि बृजघाट में उसकी हत्या का नाटक किया जा रहा है. सर्किल ऑफिसर सिंह ने कहा कि यह बीमा धोखाधड़ी का मामला है. उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और फरार संदिग्धों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं.

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