Bhagavad Gita Path Rules: गीता पढ़ने से पहले, पढ़ने के दौरान और पढ़ने के बाद कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे आपको पाठ का पूरा फल मिल सके.
1 December, 2025
Bhagavad Gita Path Rules: आज 1 दिसंबर को गीता जयंती है. आज ही के दिन भगवान विष्णु ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इसके साथ ही आज मोक्षदा एकादशी भी है. आज के दिन गीता पढ़ने और भगवान विष्णु की पूजा करने से दोगुना फल मिलता है. अगर आप भी गीता का पाठ शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज का दिन इसके लिए सबसे अच्छा है. आप आज से गीता का पाठ करना शुरू कर सकते हैं. लेकिन उससे पहले आपको गीता पढ़ने के जरूरी नियमों को जान लेना चाहिए. गीता पढ़ने से पहले, पढ़ने के दौरान और पढ़ने के बाद कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है, जिससे आपको पाठ का पूरा फल मिल सके.
गीता एक ऐसी धार्मिक पुस्तक है, जो न सिर्फ आपको जीवन की हर मुश्किल से लड़ने की प्रेरणा देती है, बल्कि आपका नजरिया भी बदल देती है. इसलिए हर किसी को इसे जरूर पढ़ना चाहिए. चलिए जानते हैं गीता पढ़ने के जरूरी नियम.

इन नियमों का पालन करें
साफ सफाई का रखें ध्यान– गीता का पाठ हमेशा साफ जगह पर ही करना चाहिए. आप गंगाजल से नहाकर साफ-सुथरे कपड़े पहनें. पाठ शुरू करने से पहले आप मंदिर की सफाई कर लें और धूप-दीया जलाकर पूजा करें.
लकड़ी के आसन पर रखें गीता- ध्यान रहे कि धार्मिक पुस्तकें पढ़ते समय जमीन पर नहीं बैठना चाहिए. अपने लिए कोई आसन लगाए और उस पर बैठे. गीता को भी लकड़ी के आसन पर ही रखें. भगवान का ध्यान करते हुए संकल्प लें और पाठ शुरू करें.
अधूरा न छोड़ें पाठ- अध्याय पूरा करने के बाद ही उठें. गीता का पाठ करते हुए आप बीच में नहीं उठ सकते. आप जो अध्याय पढ़ रहे हैं, उसे पूरा पढ़ने के बाद ही उठें. अध्याय खत्म होने के बाद भगवान को प्रणाम करें.
मन का शांत रखें- गीता पढ़ते समय कोई भी नकारात्मक विचार मन में न आने दें, वरना आपका ध्यान भटक जाएगा और आपका पाठ में आपका मन नहीं लगेगा.
उपदेशों को अपनाएं- गीता की शिक्षाएं सिर्फ पढ़ने से ही फल नहीं मिलता, बल्कि उन्हें समझना और अपनाना भी चाहिए. भगवद् गीता भी कर्म को सबसे बड़ा मानती है. इसलिए, गीता पढ़ने का पूरा फायदा तभी मिल सकता है जब आप इसे पूरी लगन और ध्यान से पढ़ें.
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