Aaj Ka Panchang: सूर्योदय सुबह 5:25 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:23 बजे होगा. चंद्रोदय सुबह 5:54 बजे और चंद्रास्त रात 8:38 बजे होगा. योग की बात करें तो ध्रुव योग रात 11:40 बजे तक रहेगा.
Aaj Ka Panchang: 26 जून 2025 को गुरुवार के दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी, जो दोपहर 1:24 बजे तक प्रभावी रहेगी. इसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ होगी. इस दिन नक्षत्र आर्द्रा सुबह 8:46 बजे तक रहेगा, जिसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र शुरू होगा. चंद्रमा मिथुन राशि में रात्रि 1:39 बजे तक रहेगा, फिर कर्क राशि में प्रवेश करेगा. सूर्य मिथुन राशि में रहेगा और आर्द्रा नक्षत्र में होगा. यह दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन कई शुभ और अशुभ समयावधियों का प्रभाव रहेगा, जो विभिन्न कार्यों के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं.
सूर्योदय सुबह 5:25 बजे होगा, जबकि सूर्यास्त शाम 7:23 बजे होगा. चंद्रोदय सुबह 5:54 बजे और चंद्रास्त रात 8:38 बजे होगा. योग की बात करें तो ध्रुव योग रात 11:40 बजे तक रहेगा, इसके बाद व्याघात योग शुरू होगा. करण में बव दोपहर 1:24 बजे तक, फिर बालव और कौलव प्रभावी होंगे. यह दिन कालयुक्त विक्रम संवत 2082 के अंतर्गत आता है, और शक संवत 1947 विश्वावसु तथा गुजराती संवत 2081 नल भी इस दिन लागू होंगे. चंद्र मास आषाढ़ पूर्णिमांत और अमांत दोनों के अनुसार गणना में लिया जाएगा.
शुभ समय की बात करें तो इस दिन कई मुहूर्त विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:05 से 4:45 बजे तक रहेगा, जो ध्यान और आध्यात्मिक कार्यों के लिए उत्तम है. प्रातः संध्या 4:25 से 5:25 बजे तक, अभिजित मुहूर्त 11:56 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 2:44 से 3:39 बजे तक, गोधूलि मुहूर्त शाम 7:21 से 7:42 बजे तक, सायाह्न संध्या शाम 7:23 से 8:23 बजे तक, और अमृत काल अगली सुबह 5:06 से 6:36 बजे तक रहेगा. इसके MOON रात 12:04 से 12:44 बजे तक निशिता मुहूर्त भी शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 8:46 बजे से अगले दिन सुबह 5:25 बजे तक रहेगा, जो सफलता और सिद्धि के लिए शुभ माना जाता है.
हालांकि, इस दिन कुछ अशुभ समय भी हैं, जिनका ध्यान रखना आवश्यक है. राहुकाल दोपहर 2:09 से 3:53 बजे तक रहेगा, जो नए कार्य शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है. यमगंड सुबह 5:25 से 7:10 बजे तक, गुलिक काल सुबह 8:55 से 10:39 बजे तक, और वर्ज्य समय रात 8:04 से 9:34 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, आडल योग और दुर्मुहूर्त भी कुछ समयावधियों में प्रभावी रहेंगे, जो विशिष्ट कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं हैं. बाण में मृत्यु और अग्नि का प्रभाव भी इस दिन देखा जाएगा, जो सावधानी बरतने का संकेत देता है.
ऋतु और अयन की बात करें तो यह दिन वर्षा ऋतु (द्रिक) और ग्रीष्म ऋतु (वैदिक) के अंतर्गत आएगा. द्रिक अयन दक्षिणायण और वैदिक अयन उत्तरायण रहेगा. दिनमान 13 घंटे 57 मिनट 41 सेकंड और रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 36 सेकंड रहेगा. मध्याह्न दोपहर 12:24 बजे होगा. आनंदादि योग में काण सुबह 8:46 बजे तक अशुभ रहेगा, फिर सिद्धि योग शुरू होगा, जो शुभ है. तमिल योग में मरण और अमृत का प्रभाव रहेगा. होमाहुति सूर्य को दी जाएगी, और दिशा शूल दक्षिण दिशा में रहेगा, जिसके कारण इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए.
यह पंचांग नई दिल्ली के समय और स्थान के अनुसार तैयार किया गया है. यह जानकारी धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ, और अन्य शुभ कार्यों के लिए उपयोगी है. ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जो विक्रम संवत और चंद्र मास के अनुसार अपने कार्यों की योजना बनाते हैं. शुभ मुहूर्त में कार्य शुरू करने से सफलता की संभावना बढ़ती है, जबकि अशुभ समय में सावधानी बरतना उचित होगा.
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