Russia-India-China: भारत और चीन के बीच हाल के वर्षों में सीमा विवाद के कारण यह मंच निष्क्रिय हो गया था. लेकिन अब, जब दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं.
Russia-India-China: रूस, भारत और चीन (RIC) के बीच त्रिपक्षीय सहयोग को फिर से शुरू करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की बात सामने आई है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने हाल ही में एक बयान में कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव को कम करने के लिए एक समझौता हो गया है. उनके मुताबिक, अब समय आ गया है कि RIC त्रय को फिर से सक्रिय किया जाए.
तीनों देश मिले तो बेहतर होगा
लावरोव ने यूराल पर्वतों के पर्म शहर में आयोजित एक सुरक्षा और सहयोग सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा कि RIC त्रिपक्षीय मंच, जो 1990 के दशक में तत्कालीन रूसी विदेश मंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर शुरू हुआ था, क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और चीन के बीच हाल के वर्षों में सीमा विवाद के कारण यह मंच निष्क्रिय हो गया था. लेकिन अब, जब दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार के संकेत दिख रहे हैं, रूस इस मंच को फिर से जीवित करने के लिए राजनयिक प्रयास कर रहा है. लावरोव ने कहा, “मुझे लगता है कि अब RIC के तहत तीनों देशों के नेताओं की बैठक को फिर से शुरू करने का समय है.”
भारत-चीन के बीच डिस-इंगेजमेंट समझौता
रूस का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए हाल ही में डिस-इंगेजमेंट समझौता हुआ है. भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भी इस साल की शुरुआत में कहा था कि भारत LAC पर अपनी सैन्य तैनाती को जल्द कम नहीं करेगा, जिससे स्थिति की संवेदनशीलता का अंदाजा लगाया जा सकता है.
लावरोव ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, इंडो-पैसिफिक रणनीति के जरिए भारत और चीन के बीच तनाव को बढ़ावा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्वाड जैसे गठबंधन भारत को चीन विरोधी साजिश में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति बनाए रखी है.
त्रिपक्षीय मंच एशिया में संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए
रूस, भारत और चीन के बीच यह त्रिपक्षीय मंच एशिया में संतुलन और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था. लावरोव ने कहा कि रूस भारत के साथ अपनी बातचीत में यह स्पष्ट कर चुका है कि भारत की क्वाड में रुचि मुख्य रूप से व्यापार और शांतिपूर्ण आर्थिक सहयोग तक सीमित है. इसके अलावा, लावरोव ने नाटो की आलोचना करते हुए कहा कि यह संगठन भारत और चीन के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “नाटो सिर्फ यूरोपीय देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहा है.”
भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी लंबे समय से मजबूत रही है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रूस ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से सम्मानित किया था.
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