Home Religious Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 4 मई 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग, करण आदि

Aaj Ka Panchang: आज का पंचांग, 4 मई 2025, जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, योग, करण आदि

by Rishi
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Aaj Ka Panchang: सूर्योदय प्रातः 05:38 पर और सूर्यास्त सायं 06:58 बजे होगा. वहीं चंद्रमा का उदय 11:37 बजे दिन में होगा और चंद्रास्त 1:36 एएम (5 मई) को होगा.

Aaj Ka Panchang: 4 मई 2025, रविवार का दिन पंचांग के अनुसार विशेष और शुभ योगों से युक्त रहेगा. इस दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष सप्तमी तिथि प्रातः 07:18 बजे तक रहेगी, जिसके बाद अष्टमी तिथि का आरंभ होगा. विक्रम संवत 2082 कालयुक्त और शक संवत 1947 विश्वावसु के अनुसार यह दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जा रहा है. खास बात यह है कि इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग दोनों एक साथ पड़ रहे हैं, जो किसी भी शुभ कार्य, विशेषकर खरीदारी, संपत्ति निवेश, औषधि सेवन, या शिक्षा आरंभ जैसे कार्यों के लिए बेहद अनुकूल माने जाते हैं. रवि पुष्य योग का प्रभाव सुबह 05:38 बजे से दोपहर 12:53 बजे तक रहेगा, और इसी अवधि में सर्वार्थ सिद्धि योग भी विद्यमान रहेगा.

सूर्योदय प्रातः 05:38 पर और सूर्यास्त सायं 06:58 बजे होगा. वहीं चंद्रमा का उदय 11:37 बजे दिन में होगा और चंद्रास्त 1:36 एएम (5 मई) को होगा. इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में भ्रमण करेगा और पुष्य नक्षत्र दोपहर 12:53 बजे तक रहेगा, जिसके बाद अश्लेशा नक्षत्र का प्रवेश होगा. यह नक्षत्र परिवर्तन कुछ समय के लिए शुभ-अशुभ प्रभावों में परिवर्तन ला सकता है. योग की बात करें तो दिन में वृद्धि योग रहेगा, जो रात्रि 12:42 बजे (5 मई) तक रहेगा, जबकि करण में वणिज, विष्टि और बव करणों का क्रमशः प्रभाव रहेगा.

आज की वैदिक ऋतु वसंत है, जबकि द्रिक प्रणाली के अनुसार ग्रीष्म ऋतु चल रही है. सूर्य मेष राशि में भ्रमण कर रहे हैं और भरणी नक्षत्र में स्थित हैं. दिनमान की अवधि 13 घंटे 20 मिनट्स 18 सेकंड्स रहेगी, जो यह दर्शाता है कि दिन लंबा और कार्य के लिए पर्याप्त समय वाला होगा. मध्याह्न 12:18 बजे रहेगा.

तिथिसप्तमी (07:18 AM तक), फिर अष्टमी
पक्षशुक्ल पक्ष
मास / संवतवैशाख / विक्रम संवत 2082 (कालयुक्त)
वाररविवार
सूर्योदय / सूर्यास्त05:38 AM / 06:58 PM
चन्द्रोदय / चन्द्रास्त11:37 AM / 01:36 AM (5 मई)
नक्षत्रपुष्य (12:53 PM तक), फिर अश्लेशा
चंद्र राशिकर्क
सूर्य राशिमेष
योगवृद्धि
करणवणिज (07:18 AM तक), विष्टि (07:21 PM तक), फिर बव
ऋतु (वैदिक / द्रिक)वसंत / ग्रीष्म
अयन (वैदिक / द्रिक)उत्तरायण / उत्तरायण
मध्याह्न12:18 PM
दिनमान / रात्रिमान13:20:18 / 10:38:54
शुभ योगरवि पुष्य योग (05:38 AM – 12:53 PM)
सर्वार्थ सिद्धि योग (05:38 AM – 12:53 PM)
शुभ मुहूर्तब्रह्म मुहूर्त: 04:13 AM – 04:55 AM
अभिजित: 11:51 AM – 12:45 PM
विजय: 02:31 PM – 03:25 PM
गोधूलि: 06:57 PM – 07:18 PM
अशुभ समयराहुकाल: 05:18 PM – 06:58 PM
यमगण्ड: 12:18 PM – 01:58 PM
गुलिक काल: 03:38 PM – 05:18 PM
दुर्मुहूर्त: 05:12 PM – 06:05 PM
भद्रा काल07:18 AM – 07:21 PM
गण्ड मूल / वर्ज्यगण्ड मूल: 12:53 PM – 05:37 AM (5 मई)
वर्ज्य: 02:17 AM – 03:58 AM (5 मई)
बाण योगमृत्यु बाण: 04:04 PM तक
अग्नि बाण: 04:04 PM से पूर्ण रात्रि तक
आनन्दादि योगश्रीवत्स (12:53 PM तक), फिर वज्र (अशुभ)
तमिल योगसिद्ध (12:53 PM तक), फिर मरण
दिशा शूलपश्चिम दिशा
होमाहुति ग्रहशुक्र

आज के दिन विशेष मुहूर्तों की बात करें तो ब्रह्म मुहूर्त 04:13 से 04:55 एएम तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त 11:51 एएम से 12:45 पीएम तक अत्यंत शुभ माना गया है. विजय मुहूर्त दोपहर 2:31 से 3:25 बजे तक रहेगा, जो कार्य में सफलता दिलाने वाला होता है. गोधूलि और सायाह्न संध्या क्रमशः 6:57 और 6:58 बजे से शुरू होगी. निशिता मुहूर्त रात्रि 11:56 से 12:39 बजे तक है, जो रात्रिकालीन पूजा व साधना के लिए उत्तम समय है.

यदि अशुभ समय की बात करें, तो राहुकाल 5:18 पीएम से 6:58 पीएम तक रहेगा, जिसे किसी भी शुभ कार्य के लिए वर्जित माना जाता है. यमगण्ड काल 12:18 से 1:58 बजे तक रहेगा और गुलिक काल 3:38 से 5:18 बजे तक रहेगा. दुर्मुहूर्त 5:12 से 6:05 पीएम तक रहेगा. इस दिन भद्रा काल भी रहेगा जो सुबह 07:18 से शाम 07:21 बजे तक प्रभावी रहेगा.

इस दिन अग्नि बाण का प्रभाव 04:04 बजे से पूर्ण रात्रि तक रहेगा, अतः किसी भी अग्निसंबंधी कार्य जैसे रसोई गैस, अग्निहवन आदि में सावधानी बरतना चाहिए. वहीं शुभता की दृष्टि से श्रीवत्स नामक आनंदादि योग दोपहर 12:53 बजे तक रहेगा. तमिल पंचांग अनुसार, सिद्ध योग दोपहर तक रहेगा जो कार्य सिद्धि हेतु उपयोगी माना जाता है.

आज का दिन दिशा शूल पश्चिम दिशा में रहेगा, ऐसे में इस दिशा में यात्रा करने से पूर्व उपाए रूप में दही या तुलसी सेवन करना लाभदायक रहेगा. ग्रह स्थितियों और योगों की दृष्टि से यह दिन धार्मिक पूजन, स्वास्थ्य आरंभ, आयुर्वेदिक उपचार, पूजा सामग्री की खरीदारी और विद्या के शुभारंभ के लिए अत्यंत शुभ रहेगा.

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